धामी सरकार ने तोड़ा खनन से राजस्व प्राप्ती का रिकार्ड, वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों में ही 67 फीसदी की वृद्धि

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लालकुआं: उत्तराखंड उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण के चलते धामी सरकार में खनन से राजस्व वसूली का रिकार्ड टूटने लगा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के चार महीनों में वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहले चार महीनों के सापेक्ष 67 प्रतिशत अधिक यानि 333.17 करोड़ की आय प्राप्त हुई है।

उत्तराखंड में खनन उद्योग आय का प्रमुख श्रोत है। यही कारण है कि सरकारों के लक्ष्य खनन से आय बढ़ाना रहा है। राज्य भर में खनन के प्रयाप्त श्रोतों के बावजूद अधिकारियों के राजस्व वसूली में काफी मसक्कत करनी पड़ती है। लेकिन धामी सरकार ने इस चुनौती का स्वीकार करते हुए लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा दिए है।

आंकड़ों में नजर डालें तो सरकार ने वर्ष 2022-23 व 2023-24 में खनन से 875 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा था। जिसके सापेक्ष खनन विभाग ने क्रमश: 472.35 करोड़ व 645.42 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त किए। यानि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 173.17 करोड़ रुपये यानी लगभग 40 प्रतिशत अधिक राजस्व अर्जित किया गया।

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वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों की बात करें तो खनन से वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रारंभिक चार महीनों अप्रैल से जुलाई में 133.31 करोड़ रुपये की आय हुई थी। जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में इन चार महीनों में राजस्व बढ़कर 333.19 करोड़ हो गया।

राजस्व वृद्धि के पीछे उत्तराखंड उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण, ई-निविदा, सह-ई नीलामी के माध्यम से नए खनिज लाट का चिन्हीकरण कर उन्हें आवंटित करना, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम को प्रभावी कार्यवाही जैसे कदम आय बढ़ाने में सहायक बन रहे हैं।

इसके साथ ही खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी बनाने एवं अवैध खनन की रोकथाम को आधुनिक माइनिंग डिजिटल ट्रांसफारमेशन एंड सर्विलांस सिस्टम विकसित करने के उद्देश्य से सरकार ने 45 माइन चेक पोस्ट स्थापित करने को स्वीकृति दी है।

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जनता को भी सस्ता मिल रहा है निर्माण सामग्री

लालकुआं: खनन विभाग ने इस बार राज्य के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर एवं नैनीताल में रायल्टी वसूली व अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए निजी कंपनी को आवंटित किया है। खनन नीति में सरलीकरण के चलते स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांटों में कच्चे माल पर्याप्त मात्रा में मिल रहा है। यही कारण है कि जिस रेता व बजरी को 140 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा था, अब वह 70 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहा है।

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वर्षवार खनन से राजस्व वसूली

वर्ष 2020 – 21 – 396 करोड़

वर्ष 2021 – 22 – 570 करोड़
वर्ष 2022 – 23 – 472 करोड

वर्ष 2023 – 24 – 645 करोड़

वर्ष 2024 – 25 – 333 करोड़ पहले चार महीनों में

खनन नीति में सरलीकरण व पारदर्शिता लाई गई है। जिससे जहां आमजन व कार्यदाई संस्थाओं को सस्ता निर्माण सामग्री मिल सकेगी। वही सरकार का राजस्व भी बढे़गा। वित्तीय वर्ष 2024 – 25 में खनन से एक हजार करोड़ के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है।

राजपाल लेघा, निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, देहरादून

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