यहाँ अब भिखारियों को भीख देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर, 1 जनवरी 2025 से लागू हो जाएगा यह कानून

Here now FIR will be registered against the people who give alms to the beggars, this law will come into force from January 1, 2025

खबर शेयर करें -
Panaji,Goa,İndia- February, 19 2008: Bearded begger begging for money and posing directly to camera in Panaji street market in Goa,İndia.

राजू अनेजा, इंदौर ।मध्य प्रदेश के इंदौर में नए साल से एक अहम बदलाव होने जा रहा है। इंदौर जिला प्रशासन ने 1 जनवरी 2025 से भिखारियों को भीख देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की घोषणा की है। इस आदेश के अनुसार, अगर कोई नागरिक इंदौर शहर में भिखारी को भीख देता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन पहले से ही कड़ी योजनाओं पर काम कर रहा है और इसके तहत यह कदम उठाया गया है।

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, “हमने पहले ही इंदौर में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है, और अब हम लोगों से अपील करते हैं कि वे भिखारियों को भीख देकर किसी अपराध का हिस्सा न बनें। अगर कोई भी 1 जनवरी 2025 के बाद भिखारियों को भीख देता हुआ पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए दिसंबर महीने के अंत तक एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  परांठे के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध इस जगह पर विदेशी महिलाओ से करवाया जा रहा था गंदा काम, पुलिस ने भंडाफोड़ कर दो विदेशी महिलाओं समेत चार महिलाओं को लिया हिरासत में

भिक्षावृत्ति को खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई
इंदौर जिला प्रशासन ने भिखारियों को मजबूरी में भीख मांगने पर विवश करने वाले गिरोहों के खिलाफ कई महीनों से सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने हाल ही में ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश किया है, जो भिखारियों को नियंत्रित करते थे और उनसे भीख मंगवाते थे। इस अभियान के तहत कई भिखारियों का पुनर्वास भी किया गया है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन का लक्ष्य भिखारियों के पुनर्वास के साथ-साथ उनकी आजीविका के लिए स्थिर विकल्प प्रदान करना है, ताकि वे भिक्षावृत्ति छोड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसके अतिरिक्त, इंदौर शहर के पुलिस और प्रशासन ने हाल ही में भिखारियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की। इसमें 14 भिखारियों को पकड़ा गया था, जिनमें से एक महिला भिखारी के पास से महज 10-12 दिनों में 75 हजार रुपये की राशि बरामद की गई थी। यह राशि महिला ने भीख मांगकर एकत्रित की थी, जिससे प्रशासन को भिखारियों के द्वारा की जा रही अवैध कमाई की ओर ध्यान आकर्षित हुआ। इंदौर पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए कहा है कि ऐसी गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने परिवार के साथ पहुंचे प्रयागराज महाकुंभ, मां को कराया गंगा स्नान

केंद्रीय मंत्रालय का पायलट प्रोजेक्ट
इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत, देश के 10 शहरों में भिक्षावृत्ति को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इंदौर भी इस पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्रालय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भिखारियों को जीवन में एक नया अवसर मिले और वे भीख मांगने की बजाय आत्मनिर्भर बन सकें। इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत, इन शहरों में भिक्षावृत्ति से जुड़े सभी पहलुओं पर निगरानी रखी जाएगी और भिखारियों के पुनर्वास के लिए उपायों पर काम किया जाएगा।

बार-बार पकड़े जाने वाले परिवारों पर कड़ी नजर
अधिकारियों ने बताया कि शहर में कुछ ऐसे परिवार हैं जो भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं और बार-बार पकड़े जाने के बावजूद वे अपनी आदतों को नहीं छोड़ते। इन परिवारों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और प्रशासन का लक्ष्य है कि उन्हें भिक्षावृत्ति से बाहर निकाला जाए। इसके लिए प्रशासन भिखारियों के बच्चों को शिक्षा देने, उनके परिवारों को रोजगार प्रदान करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने जैसे कदम उठाने की योजना बना रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  पहले गूगल मैप ने दिया धोखा,फिर गलत दिशा बताने के कारण खेत में फसी कार को निकालने के लिए आए मददगार ही कार को लेकर हुए फरार

समाज के सहयोग की अपील
इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने नागरिकों से अपील की है कि वे भिखारियों को भीख देकर पाप के भागीदार न बनें। उन्होंने कहा कि अगर शहरवासियों ने भिखारियों को भीख देने की आदत छोड़ दी, तो इससे भिखारियों को भी अपने जीवन में बदलाव लाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा। इंदौर प्रशासन का यह कदम समाज में बदलाव लाने के लिए एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। यह न केवल शहर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए है, बल्कि इसके माध्यम से भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन में सुधार लाने का भी प्रयास किया जा रहा है।