सर्दियों में रम पीना स्वास्थ्य के हिसाब से कितना फायदेमंद कितना नुकसानदेह

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रम के लोग अक्सर सर्दियों के मौसम में पीना पसंद करते हैं. इसे अल्कोहल ड्रिंक को लेकर कई सारे दावे किए जाते हैं.शराब आपके शरीर को गर्म रखती है, तो रम की थोड़ी सी मात्रा आपको अंदर से गर्मी महसूस करा सकती है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के मौसम में लोग बेहद उम्दा क्वालिटी की रम को पी सकते हैं.

मांसपेशियों के दर्द में मददगार
अगर आप सही मात्रा में रम पीते हैं तो मांसपेशियों (muscles pain) में किसी भी प्रकार के दर्द से भी छुटकारा मिल सकता है. बॉडी मसल पेन आपको शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. गलत बॉडी पॉस्चर या जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज या आराम भी मांसपेशियों का दर्द दे सगता है.लेकिन अगर आप किसी गंभीर रोग से ग्रसित हैं या किसी भी प्रकार की सर्जरी से गुजरे हैं तो डॉक्टरी सलाह से रम लें तो बेहतर है.

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हृदय रोग का खतरा कम (Heart Diseases)
रम हृदय रोग के खतरे को कम करती है. रम आपके खून को गाढ़ा होने से रोकती है, यानी उसे पतला करती है. लिहाजा यह सीमित मात्रा में ली जाए तो दिल को सेहतमंद बनाए रखने में भी मददगार साबित हो सकती है. अगर आप सही मात्रा में रम उचित पौष्टिक स्वल्पाहार के साथ लेते हैं तो दिल से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं. लेकिन इसकी आदत से बचा जाना चाहिए.

सर्दी जुकाम में असरदार
सर्दी के खराब मौसम (Common Cold) में नाक बंद हो जाना, नाक बहना जैसी जुकाम की समस्याएं भी हो जाती हैं. रम में एंटी माइक्रोब्रियल क्वॉलिटी भी होती है, जो खराब बैक्टीरिया को मारने का काम भी करती है. इसे गुनगुने पानी में लिया जा सकता है. मगर डॉक्टरी सलाह से ही इसे दवा की तरह लें.

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कई शोधों के अनुसार, रम में एंटीसेप्टिक प्रापर्टीज, मानसिक बीमारियों को रोकने और तनाव घटाने से जुड़ी प्रापर्टी भी मानी जाती हैं. 

शार्ट टर्म साइड इफेक्ट (Short Term Side Effects) 
आप रम रोजाना नियमित तौर पर लेते हैं तो शारीरिक स्वास्थ्य को परेशानी हो सकती है. लिहाजा ये सीमित मात्रा में दवा के तौर पर डॉक्टरी सलाह के बाद ही ली जाए तो बेहतर.

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1. आवाज में लड़खड़ाहट
2. ज्यादा थकावट महसूस होना
3. डायरिया
4. माइग्रेन
5. देखने और सुनने में समस्या
6. खून की कमी यानी एनीमिया
7. याददाश्त में कमी
8. मानसिक बुद्धिमत्ता पर असर

लांग टर्म साइड इफेक्ट (Long Term Side Effects) 
1. शरीर में विषाक्त तत्वों की अधिकता
2. यौन संबंधी समस्या
3. न्यूरोलॉजिकल प्राब्लम
4. हाइपरटेंशन, स्ट्रोक, हृदय संबंधी समस्या
5. ब्रेन डैमेज, अल्सर
6. कई तरह कैंसर की आशंका