हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है. ऐसे में अब एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ गए हैं. अहम बात है कि इस बार भी हरियाणा में कम वोटिंग हुई है. शाम 7 बजे तक 61 फीसदी तक वोटिंग हुई थी.
लेकिन एक बात तो साफ हो रही है कि भाजपा को वोटिंग फीसद में नुकसान हुआ है. शहरी इलाकों में वोटिंग कम देखने को मिली है और इस वजह से लगातार दूसरी बार पार्टी को कम वोट मिलने के आसार हैं.
जानकारी के अनुसार, बीते 2019 के चुनाव में भी शहरी इलाकों में कम वोटिंग होने से भाजपा बहुमत आंकड़े से पीछे रहे गई थी और 40 ही सीटें जीत पाई थी. अहम बात है कि 2014 में जब भाजपा जीती थी तो 76 फीसदी वोट हरियाणा में पड़े थे और शहरी वोटरों ने पार्टी के पक्ष में मतदान किया थाय इसके बाद 2019 में यह वोटिंग 64 फीसद रही थी और भाजपा की सीटों का आंकड़ा कम हो गया और फिर उसे गठबंधन सरकार बनानी पड़ी. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में भी वोटिंग फीसद 64 ही रहा था और भाजपा की सीटें भी आधी हो गई थी. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटें जीती थी.
हरियाणा चुनाव में शाम सात बजे तक वोटिंग का प्रतिशत.
भाजपा को जिसका डर था वही हुआ
हरियाणा में भाजपा को शहरी वोटरों के छिटकने का डर था और अब लग रहा है कि कुछ ऐसा ही हुआ है. भाजपा ने चुनाव आयोग से वोटिंग की तारीखों को बदलने की मांग थी और फिर तारीख 1 अक्तूबर से 5 अक्तूबर की गई थी. क्योंकि, इस दौरान लॉन्ग वीएंड आ था और लंबी छुट्टियां होने के चलते भाजपा को डर था कि यहां पर शहरी वोटर वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचेगा और घुमने फिरने निकल जाएगा.
क्या कहते हैं एग्जिट पोल
अब तक आए सभी एग्जिट पोल में भाजपा का सफाया होता दिख रहा है. भाजपा को 20 से 25 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है कि जबकि कांग्रेस को 50 से 60 सीटें सभी एग्जिट पोल दे रहे हैं. ऐसे में अब 10 साल बाद कांग्रेस सत्ता में वापस कर रही है.
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