‘हिंदुस्तान की शिक्षा व्यवस्था में आदिवासियों के बारे में कुछ नहीं’, राहुल गांधी ने बयान देकर अपने ही पैर पर मारी कुल्हाड़ी

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झारखंड विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को ”आदिवासी विरोधी” बताकर खुद ही घिर गए हैं। राहुल गांधी ने रांची ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ में 19 अक्टूबर को कहा,

मैं हिंदुस्तान की शिक्षा व्यवस्था में पढ़ा हूं। आदिवासियों के बारे में केवल 10-15 लाइनें ही मिलेंगी। इनका इतिहास क्या है, जीने का तरीका क्या है। उस बारे में कुछ नहीं लिखा… आपके बारे में OBC शब्द प्रयोग किया गया। क्या ये आपका नाम है? किसने कहा आप पिछड़े हो? आपका जो हक है वो आपको नहीं दिया जाता। जिन लोगों ने इस देश को बनाया है किसान, मजदूर, बढ़ई, नाई, मोची का इतिहास कहां है?”

अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि जब राहुल गांधी अपनी पढ़ाई भारत में कर रहे थे तो उस वक्त देश में कांग्रेस की सरकार थी। भारत की आजादी के बाद इस देश में पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी और उन्ही के द्वारा शिक्षा व्यवस्था बनाई गई। उस वक्त एजुकेशन के सिस्टम को बनाया भी कांग्रेस ने और चलाया भी कांग्रेस ने…और अब उसी सिस्टम पर सवाल भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही उठा रहे हैं।

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भाजपा अब राहुल गांधी के इन बयानों पर हमलावर है। भाजपा ने कहा है कि ‘राहुल गांधी जिस शिक्षा व्यवस्था की बात कर रहे हैं, वो तो कांग्रेस के शासन काल में ही बनाई गई थी। वो कांग्रेस ही जिसने भगवान बिरसा मुंडा से लेकर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक को नजरअंदाज किया है।’ राहुल गांधी ने कहीं-न-कहीं भाजपा को कांग्रेस के इतिहास पर फिर से बोलने का मौका दे दिया है।

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भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है, ”राहुल गांधी ने अपने स्कूल में देखा कि देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और किताबों में आदिवासियों पर एक पूरा अध्याय भी नहीं था। बस कुछ आधे-अधूरे उल्लेख जो उनके संघर्षों और इतिहास को सही ढंग से सामने नहीं रख सके। यह कांग्रेस के शासन में हुआ अन्याय था, जहां आदिवासी समाज की महान गाथाओं को हाशिए पर रखा गया है। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। मैं राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि वे आज के दौर की किताबें देखें, जब देश एक ऐसे नेता के नेतृत्व में है जो हर समुदाय और समाज को समान रूप से सम्मान देता है।”

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राहुल गांधी ने अपने बयान में फिर से देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया था। लेकिन राहुल गांधी ये भूल गए कि उनकी ही कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में संथाली बेटी द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया था।

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