बिंदुखत्ता के हाट कालिका मंदिर में श्री राम कथा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
ईश्वर की आस्था सम दर्शिता व न्यायशीलता के प्रमुख केंद्र बिंदुखत्ता के प्राचीनतम देवालय मां हाट कालिका दरबार में चल रही श्रीराम कथा में श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री राम कथा की महिमा से सराबोर होकर खुद को धन्य बना रहे हैं, बृन्दावन से आए कथावाचक हरिनाम दास चंद्र सागर जी ने कहा कि कलिकाल में भव बंधनों से पार करने की राम-राम अचूक औषधि है, जिसने राम नाम का सहारा लिया उसके जीवन के समस्त संताप हमेशा हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।
अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर की खुशी में स्थानीय लोगों द्वारा कराए जा रहे श्री राम कथा के आयोजन के संदर्भ में कथावाचक ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। ऋषि मुनियों की तपस्थली है यहां से प्राप्त ज्ञान को ऋषि-मुनियों ने पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार कर जगत का कल्याण किया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि का त्रेता युग की सभ्यता से भी गहरा रिश्ता रहा है तथा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस पवित्र भूमि से प्रभु राम का गहरा नाता रहा है, आज राम कथा में बहुत ही मनमोहक सारगर्भित प्रवचन सुनाया गया प्रभु राम के बालकांड से लेकर अयोध्या कांड अरण्य कांड किष्किंधा कांड सुंदरकांड आदि का बहुत ही सारगर्भित विवेचन सुनाया गया, कथावाचक हरिनाम चंद्र सागर जी ने कहा कि राम ही प्रेम प्रेम ही राम अर्थात जहां राम है वहां प्रेम है और जहां प्रेम है वहां राम है उन्होंने कहा कि राम से हटकर दुनिया में कुछ भी नहीं है जो कुछ भी चर अचर जड़ चेतन दिखाई दे रहा है सब में प्रभु राम हैं। इस अवसर पर स्वामी गोपीनाथ दास प्रभु जी के अलावा पुजारी पंकज खोलिया, अध्यक्ष संतोष सनवाल कोषाध्यक्ष गोपाल परिहार,सचिव बलवन्त सम्मल, दान सिंह मेहरा, चंदन डसीला ,महेंद्र बिष्ट ,जीवन पांडे धर्म सिंह, नीरज पांडे, संजू पांडे, वीरेंद्र जग्गी, चंद्रशेखर पंत, पूरन परिहार, उमेश पंत ,सुरेश अधिकारी ,पूरन पंत, किशन अधिकारी,नारायणगिरी केशव कांडपाल समेत अनेकों भक्तजन मौजूद थे

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