देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चार साल के कार्यकाल में युवा वर्ग सबसे बड़ा लाभार्थी बनकर उभरा है। इस दौरान सरकार ने रिकॉर्ड 25 हजार से अधिक युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरियाँ दी हैं। शनिवार को इसी क्रम में जनजाति कल्याण विभाग के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में चयनित 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
रोजगार और कौशल विकास पर विशेष ध्यान
4 जुलाई 2021 को सत्ता संभालने के बाद से धामी सरकार ने रोजगार सृजन और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया है। लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और चिकित्सा सेवा चयन आयोग जैसी संस्थाओं के माध्यम से यह भर्तियाँ की गई हैं। कई विभागों में भर्ती प्रक्रिया अभी भी जारी है, जिससे यह आँकड़ा और भी बढ़ेगा।
युवाओं को वैश्विक रोजगार के अवसर देने के लिए 9 नवंबर 2022 को ‘मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’ शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक 154 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 37 को जापान में नौकरी मिल चुकी है।
सख्त ‘नकल विरोधी कानून’ से बढ़ी पारदर्शिता
भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए धामी सरकार ने 2024 में सख्त ‘नकल विरोधी कानून’ लागू किया। इस कानून के बाद से राज्य में एक भी पेपर लीक की घटना नहीं हुई है, और 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है। इससे भर्ती प्रक्रिया में युवाओं का भरोसा बढ़ा है।
‘हमारा लक्ष्य, उत्तराखंड का पानी और जवानी यहीं के काम आए’: सीएम धामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड का पानी और जवानी यहीं के काम आए।” उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा और कौशल के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर दे रही है, ताकि पलायन को रोका जा सके और राज्य के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित हो सके।
डिस्क्लेमर: यह खबर आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।



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