उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई योजनाओं और नीतियों के कारण पिछले एक दशक में देश में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं।
यहां केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दो दिवसीय चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए धामी ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले कई दशकों तक समाज कल्याण विभाग कुछ चुनिंदा कार्यों तक ही सीमित रहा।
उन्होंने कहा कि लेकिन अब केंद्र की विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर सबसे अधिक पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
धामी ने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय न केवल बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को विशेष पेंशन देकर उनके जीवन स्तर में सुधार कर रहा है बल्कि छात्रवृत्ति देकर विद्यार्थियों को अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने के अवसर भी प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के आदर्श वाक्य के साथ केंद्र द्वारा अपनाई गई योजनाओं और नीतियों के कारण पिछले एक दशक में देश के लगभग 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार भी सामाजिक न्याय के लिए काम कर रही है।
धामी ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन की राशि बढ़ाने के अलावा यह पेंशन पति-पत्नी दोनों को दी जा रही है ।
राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों का उल्लेख करते हुए धामी ने कहा कि अंत्योदय परिवारों को प्रतिवर्ष तीन गैस सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों को कक्षा एक से 12 वीं तक छात्रवृत्ति देने के साथ-साथ उनके लिए 15 छात्रावास, पांच आवासीय विद्यालय और तीन आईटीआई भी निशुल्क चलाए जा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को निशुल्क कोचिंग और मासिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा,”अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की लड़कियों की शादी के लिए 50,000 रुपये का अनुदान भी दिया जा रहा है ।”
धामी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ जनजातीय शोध संस्थान के लिए एक करोड़ रुपये का कोष गठित किया गया है ।
मुख्यमंत्री ने कहा,”अटल आवासीय योजना के तहत राज्य सरकार अनुसूचित जाति के बेघर परिवारों को पक्का घर बनाने के लिए एक लाख बीस हजार रुपये दे रही है । प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान के तहत 128 जनजाति गांवों का चयन किया गया है।”
धामी ने कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से उत्तराखंड में लोगों को बुजुर्गों की आंखों का इलाज और वृद्धावस्था देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है जबकि सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है ।’
चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वंचित समुदायों को सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है ।
चिंतन शिविरों का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय बनाना है।












अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें