राहुल गांधी इस समय अमेरिका दौरे पर हैं, उनकी तरफ से कई मुद्दों पर विस्तार से बात की जा रही है। इसी कड़ी में उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों से भी संवाद स्थापित किया।
अब अभी तक राहुल गांधी अपने संबोधन में सिर्फ बेरोजगारी, बीजेपी और नरेंद्र मोदी पर बात कर रहे थे, लेकिन अब अपने बयान में उन्होंने चुनाव आयोग को भी लपेट लिया है।
राहुल गांधी का लोकसभा चुनाव पर सवाल
एक बयान में देश के नेता प्रतिपक्ष ने कह दिया है कि इस बार जो चुनाव हुए वो पूरी तरह स्वतंत्र नहीं थे, बल्कि नियंत्रित थे। इस बारे में राहुल गांधी ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि देश का गरीब इस बात को समझ गया था कि अगर संविधान खत्म हो गया तो सारा खेल भी खत्म हो जाएगा। गरीब इस बात को भी समझ गया था कि असल लड़ाई तो संविधान बचाने वालों और संविधान को खत्म करने वालों के बीच में थी। इसके ऊपर जातिगत जनगणना का मुद्दा भी काफी बड़ा बन गया था। मुझे नहीं लगता कि अगर निष्पक्ष चुनाव होते तो बीजेपी को 246 सीटें नहीं आ पातीं। उस पार्टी के पास तो बहुत बड़ा आर्थिक लाभ था, हमारे तो बैंक खाते तक सील कर लिए गए थे।
चुनाव आयोग पर बरसे राहुल गांधी
इसके बाद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए बोला कि चुनाव आयोग तो सिर्फ उतना कर रहा था, जितना बीजेपी चाहती थी, पूरा अभियान ही ऐसे तैयार हुआ था कि पीएम मोदी आराम से अपना काम कर सकें। मैं इस चुनवा स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता हूं, बल्कि इसे एक नियंत्रति चुनाव मानता हूं। अब राहुल गांधी का यही बयान देश में नए सियासी भूचाल की नींव रख सकता है। असल में राहुल का बयान दिखाता है कि देश में चुनाव निष्पक्ष नहीं थे, लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में ठीक तरह से चुनाव नहीं करवाए गए।
मोदी के 400 सीटों वाले दावे पर चुटकी
राहुल गांधी तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक वक्त भी पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा था कि वे 300-400 सीटों के पास पहुंच रहे हैं। जब उन्होंने बोल दिया था कि उनका सीधा संपर्क भगवान के साथ है, इसे उन्होंने अपनी पहली जीत के रूप में देखा था। वैसे नेता प्रतिपक्ष ने एक तरफ पीएम मोदी को निशाने पर लिया तो विदेशी धरती से जातिगत जनगणना का मुद्दा भी उठाया। उनका तर्क रहा कि देश की 90 फीसदी आबादी की भागीदारी काफी कम है, उनकी सामाजिक और वित्तीय स्थिति समझना जरूरी हो गया है।
56 इंच सीना वाले बयान पर कसा तंज
इससे पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी के 56 इंच सीना वाले बयान पर भी चुटकी लेने का काम किया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी ने काफी डर फैलाया था, एंजेसियों का दबाव लगातार छोटे व्यवसायों पर डाला गया, लेकिन चुनाव के बाद यह सब गायब हो गया। जिस डर को फैलाने में इतने साल लग गए, पल भर में सब खत्म हो गया। मैं तो अब जब भी संसद में पीएम मोदी को देखता हूं, कह सकता हूं कि 56 इंच का सीना, ईश्वर से सीधा संबंध होने का दावा सब कुछ इतिहास बनकर रह गया है।
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