ट्यूबलेस के बाद अब पंचर प्रूफ टायर? आसान भाषा में समझें कैसे करता है काम

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देश में टायर इंडस्ट्री काफी तेजी से ग्रो कर रही है। पहले टायर और ट्यूब वाली गाड़ियों की संख्या अधिक थी, लेकिन अब अधिकतर गाड़ियों में ट्यूबलेस टायर आने लगे हैं।

पिछले कुछ सालों से पंचर प्रूफ टायर भी काफी सुर्खियों में है। इस खबर के माध्यम से आपको बताने जा रहे हैं पंचर प्रूफ टायर क्या होता है और ये काम कैसे करती है।

ट्यूब वाले टायर्स की क्यों समाप्त हो रही डिमांड?

ट्यूब वाले टायर आज भी उपलब्ध है। लेकिन उनमे एक समस्या यह है कि अगर टायर पंक्चर हो जाए तो परेशानी हो जाती है। क्योकिं अचानक टायर के पंक्चर होने की स्तिथि में गाड़ी का बैलेंस बिगड़ सकता है और गंभीर चोट भी लग सकती है। ऐसे में ट्यूबलेस टायर्स काफी ज्यादा सेफ रहते हैं। लोग अपने निजी जीवन खुद ही इतने व्यस्त हैं कि वो अतिरिक्त टेंशन नहीं लेना चाहते हैं।

ट्यूबलेस कैसे होते हैं?

एक ट्यूबलेस टायर दिखने में ट्यूब वाली टायर की तरह ही लगते हैं, लेकिन इन टायरों के अंदर ट्यूब का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इस टायर के रिम में एक विशेष प्रकार के टायर का इस्तेमाल किया जाता है, जो काफी मजबूत होता है। यह रिम के साथ एक एयरटाइट सील बनाती है। एक वाल्व जैसा कि आप एक आंतरिक ट्यूब पर पाते हैं, इसे सीधे रिम पर लगाया जाता है।

पंचर प्रूफ टायर किसे कहते हैं।

पंचर प्रूफ टायर को लोग सेल्फ हीलिंग टायर्स भी बोलते हैं। इस टायर में अगर कोई किल भी चुभ जाती है तो छेद वाले जगह को ये टायर अपने आप खुद को हील कर लेती है। ये टायरों में अभी तक की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है, जिसे आगे चलकर अधिक से अधिक मात्रा में लोग इस्तेमाल करने वाले हैं। आइये जानते हैं ये सेल्फ हीलिंग टायर्स वर्क कैसे करती हैं।

पंचर प्रूफ टायर कैसे करता है काम?

पंचर प्रूफ टायर जिस जगह पर छेद होता है वहां अपने आप सीलेंट मैटेरियर की एक लेयर छोड़ता है, जिससे वह छेद अपने आप भर जाता है। इससे बाहर निकलने वाली हवा को तुरंत बंद होने में मदद मिलती है। नए ट्यूबलेस टायर सीलेंट टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं, जो पंक्चर सील करता है और टायर को डिफ्लेक्टेड होने से होने से बचाता है, जिससे रेंज सही मायने में सेल्फ हीलिंग टायर बन जाता है।