रात भर जागने के बाद सुबह चीर निंद्रा में सो गई डॉ0 इंदिरा ह्रदयेश, जाने कैसे बीती इंदिरा की अंतिम रात
हल्द्वानी: “संकलन” यानी इंदिरा ह्रदयेश के हल्द्वानी स्थित निवास में जो भी आया उसकी प्रत्येक परेशानी दूर की गई। ऐसी जनप्रिय नेत्री इस संसार से चुपके से विदा हो गई। ना किसी को परेशान किया और ना ही किसी को अपने जाने का एहसास ही होने दिया।
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उनके पुत्रो व करीबियों के अनुसार डॉ0 इंदिरा हृदयेश शनिवार को उत्तराखंड सदन गई। जहा पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी से संगठन के विकास को लेकर लंबी बातचीत की। देर रात वहां से लौटने के बाद उन्होंने खाना खाया। और अपने कमरे में चली गई। लेकिन सुबह 4:00 बजे तक वहां सो नहीं पाई। इस दौरान उन्होंने टीवी पर पुरानी फिल्में देखी। सुबह 4:00 बजे उन्हें उल्टी हुई तो सहायिका ने कमरे में पहुंचकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। लेकिन डॉ इंदिरा ह्दयेश ने सहायिका से कहा कि वह ठीक हैं । सुबह जल्दी उठा देना। जिसके बाद वह सो गई। सुबह करीब साढ़े दस बजे सहायिका ने उन्हें उठाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठी । जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा उनकी जांच की गई। उनकी मौत हो चुकी थी। इस दौरान उनके पुत्र सुमित गुरुग्राम में अपने बड़े भाई के पास से। डॉक्टर इंदिरा के पीआरओ अभिनव के फोन करके बताया कि मैडम कोई रिस्पांस नहीं दे रही है। जिसकी सूचना मिलने पर डॉक्टर इंदिरा के मजे ले पुत्र सौरभ उत्तराखंड भवन पहुंच गए। इसके कुछ देर बाद उत्तराखंड सदन के व्यवस्था अधिकारी रंजन मिश्रा ने डॉ इंदिरा ह्रदयेश के निधन की सूचना दी।
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