उत्तराखंड में एस्ट्रो-टूरिज्म को बढ़ावा: 200 से अधिक युवा एस्ट्रो-टूरिज्म गाइड के रूप में प्रशिक्षित

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उत्तराखंड में उभरते एस्ट्रो-टूरिज्म (खगोल-पर्यटन) सेक्टर को मजबूती देने के लिए एक अहम पहल की गई है, जिसके तहत राज्य के 200 से अधिक स्थानीय युवाओं को एस्ट्रो-टूरिज्म गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर प्रमाणित किया गया है।

यह प्रशिक्षण स्टारस्केप्स द्वारा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDC) और टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल (THSC) के सहयोग से चलाए जा रहे राज्यव्यापी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत दिया गया है।

🚀 प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य और विस्तार

  • बड़ी योजना: यह कार्यक्रम छह माह की अवधि में 500 से अधिक युवाओं को एस्ट्रो-टूरिज्म से जुड़ी व्यावसायिक दक्षताएं देने की बड़ी योजना का हिस्सा है।

  • उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल से जोड़ना है। साथ ही, सस्टेनेबल टूरिज्म और डार्क-स्काई कंजर्वेशन (स्वच्छ रात के आसमान का संरक्षण) को बढ़ावा देना है।

  • आर्थिक विकास: पर्यटन विकास परिषद की अपर निदेशक पूनम चंद ने इसे उत्तराखंड में आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ आगे बढ़ाने वाली पहल बताया।

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🔭 एस्ट्रोनॉमी से हॉस्पिटैलिटी तक समग्र प्रशिक्षण

प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में युवाओं को समग्र कौशल प्रदान किए गए हैं, ताकि वे स्वतंत्र रूप से एस्ट्रो-टूरिज्म अनुभवों का संचालन कर सकें।

  • तकनीकी कौशल: एस्ट्रोनॉमी और रात के आकाश की मूल जानकारी, टेलीस्कोप संचालन, गाइडेड स्टारगेजिंग का व्यावहारिक प्रशिक्षण, और मोबाइल फोन व शुरुआती कैमरों से बेसिक एस्ट्रोफोटोग्राफी शामिल है।

  • सॉफ्ट स्किल्स: डार्क-स्काई संरक्षण, जिम्मेदार पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी स्किल्स, स्टोरीटेलिंग और कम्युनिटी-लेड टूरिज्म मॉडल पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

  • लाभ: ऋषिकेश की सर्टिफाइड एस्ट्रो-टूरिज्म गाइड मोनिका रावत के अनुसार, इस प्रशिक्षण से उन्हें स्टारगेजिंग सेशन संचालित करने और अपने होमस्टे के जरिए अतिरिक्त आय का आत्मविश्वास मिला है।

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📍 प्रशिक्षण कार्यशाला के क्षेत्र

  • आयोजित क्षेत्र: अब तक मुनस्यारी, देहरादून, ऋषिकेश, रामनगर, लोहाघाट और पिथौरागढ़ में ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जा चुके हैं।

  • आगामी क्षेत्र: आने वाले समय में लैंसडौन, कर्णप्रयाग, अल्मोड़ा, नैनीताल, चोपता सहित अन्य डार्क-स्काई क्षेत्रों में भी वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी।

🗓️ कार्यक्रम की समयसीमा और प्रमाणन

  • अवधि: यह कार्यक्रम अक्टूबर 2025 में शुरू हुआ और मार्च 2026 तक चलेगा।

  • कम्युनिटी-बेस्ड टूरिज्म: यह पहल खासतौर पर स्थानीय युवाओं और होमस्टे संचालकों को लक्षित करती है, जिससे वे स्टारगेजिंग अनुभवों को पर्यटन गतिविधियों में जोड़कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें।

  • सर्टिफिकेशन: प्रशिक्षण पूरा करने वाले प्रतिभागियों को THSC से सरकार से मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेशन दिया जा रहा है। यह प्रमाणन उन्हें बेहतर रोजगार के अवसरों और भविष्य में कम्युनिटी-आधारित एस्ट्रो-टूरिज्म पहलों में भागीदारी के लिए सशक्त करेगा।

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क्या आप उत्तराखंड में एस्ट्रो-टूरिज्म के लिए कुछ प्रमुख डार्क-स्काई स्थानों के बारे में जानना चाहेंगे?