विकास की पिच पर बाली की धुंआधार बेटिंग से काशीपुर की राजनीति में मचा बवाल, प्रेस वार्ता में छलका भाजपा नेताओं के सब्र का पैमाना 

Bali's aggressive betting on the pitch of development created a ruckus in Kashipur politics, the patience of BJP leaders was exposed in the press conference

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राजू अनेजा,काशीपुर। कहते हैं उगते हुए सूरज को हर कोई सलाम करता है और वर्तमान में काशीपुर की राजनीति में मेयर दीपक बाली ने मात्र 100 दिन के अंदर ही काशीपुर वासियो के दिल में ऐसी जगह बना ली है कि अब काशीपुर में अगर किसी को कांटा भी लगता है तो बहुत सीधे महापौर दीपक वाली के दरबार में अपने दुखड़े लेकर जा पहुंचता है और ऐसा नहीं है कि उसे निराशा वापस आना पड़ता हो बल्कि उसे अपनी हर समस्या का समाधान भी आसानी से मिल जाता है। वही विकास की पिच पर धुआंधार बैटिंग करते हुए दीपक वाली ने अवाम के दिल में तो अपनी जगह बना ली है परंतु सियासी पिच में साथ खड़े रहने वालों को आज बिल्कुल सामने ला कर खड़ा कर दिया है। काशीपुर के विकास को लेकर मेयर दीपक बाली के एकतरफा ताबड़तोड़ फैसलों से अपने अस्तित्व को घिरता देख क्षेत्र के कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के सब्र का पैमाना आखिरकार छलक उठा।

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 आज पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा द्वारा अपने कार्यालय में बुलाई गई एक प्रेस वार्ता में काशीपुर के कई वरिष्ठ भाजपा नेता लामबंद दिखाई दिए। वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर प्रेस से रु ब रु हुए पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने महापौर दीपक बाली की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि शहर की तस्वीर बदल देने से तकदीर नहीं बदलती। इसके लिए सामूहिक विमर्श से फैसले लेने होते हैं।
पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि शासन स्तर पर होने वाले फैसलों में मेयर बाली दखल दे रहे हैं। शहर के चौराहों के पौराणिक नाम बदलने का उनका प्रयास आम लोगों के गले नहीं उतर रहा है। पुरानी पहचान को बिना कारण मिटाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। कहा कि जब शासन से नाम बदलने के प्रस्ताव अनुमोदित नहीं हुए तो अफसरों की फौज के साथ इन स्थलों का भ्रमण करने का क्या आौचित्य है। कहा कि विकास समेत अन्य जरूरी मसलों में मेयर शहर के विधायक से भी मशविरा करना जरूरी नहीं समझते। विदित हो कि महापौर ने चीमा चौराहे समेत कई स्थलों के नाम बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। कहा जा रहा है कि इसके लिए मेयर ने भाजपा नेता और संगठन को विश्वास में नहीं लिया। बगल में बैठे राम मेहरोत्रा, खिलेंद्र चौधरी और गुरविंदर सिंह चंडोक की और इशारा कर पूर्व विधायक चीमा ने कहा कि सरकार और संगठन के प्रतिनिधि यहां बैठे हैं। इन्हीं से पूछ लीजिए कि मेयर साहब ने उनसे किसी मसले में कभी कोई राय ली है। तंजिया लहजे में कहा कि इर्द गिर्द परिक्रमा करने वाले कुछ लोगों को जनता का नाम देना सही नहीं है। कहा कि वह मेयर के एकतरफा निर्णयों से सहमत नहीं है। पूछने पर कि क्या वो सीएम से इस बाबत बात करेंगे। पूर्व विधायक बोले उन्होंने प्रेस में अपनी बात कह दी हैं।
कुल मिलाकर आगामी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के अंदर छिड़ा द्वंद  युद्ध किसके लिए फायदेमंद होने वाला है और किसके लिए नुकसानदायक यह तो आने वाला समय ही बताया परंतु काशीपुर के विकास को लेकर एक साथ चलने वाले नेताओं का ताल न मिलाना सियासी हल्को में चर्चा का विषय बना हुआ है
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