बिहार चुनाव सर्वे 2025: महागठबंधन को मामूली बढ़त, तेजस्वी यादव CM पद के लिए सबसे पसंदीदा चेहरा

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हाल ही में जारी ‘वोट वाइब’ और ‘एसएएस ग्रुप’ के ताजा सर्वेक्षणों में बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ एनडीए पर विपक्षी महागठबंधन को मामूली बढ़त मिलती दिख रही है। दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन तेजस्वी यादव की ‘हर घर नौकरी’ गारंटी ने चुनाव को युवा असंतोष और बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दों पर केंद्रित कर दिया है।

बहुमत के लिए 122 सीटें आवश्यक हैं, और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को एक महत्वपूर्ण ‘वोट काटने वाला’ कारक माना जा रहा है।


 

📊 किस गठबंधन की बनेगी सरकार? (सर्वे तुलना)

 

दोनों सर्वेक्षणों में महागठबंधन को मामूली बढ़त मिल रही है, जबकि एनडीए थोड़ा पीछे है।

सर्वे एजेंसी NDA सरकार बनेगी महागठबंधन सरकार बनेगी जन सुराज सरकार बनेगी त्रिशंकु विधानसभा
एसएएस ग्रुप 39% 41% 8.5% 5.5%
वोट वाइब 34.4% 34.7% 12.3% 8.4%
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(एसएएस ग्रुप का पिछला सर्वे (2020) सटीक बैठा था, जिसने एनडीए को 120-127 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था, जबकि एनडीए को 125 सीटें मिली थीं।)

 

👑 अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा?

 

दोनों सर्वे में तेजस्वी यादव अगले मुख्यमंत्री के रूप में सबसे पसंदीदा चेहरा बनकर उभरे हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई है।

उम्मीदवार एसएएस ग्रुप सर्वे (%)
तेजस्वी यादव 38%
नीतीश कुमार 20%
प्रशांत किशोर 14%
चिराग पासवान 9%
सम्राट चौधरी 5%

निष्कर्ष: नीतीश कुमार के बार-बार गठबंधन बदलने से उनकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचा है, जबकि तेजस्वी की छवि ‘बदलाव लाने वाली’ की बन रही है।

 

🧑‍💻 युवाओं का रुझान (18-29 वर्ष के वोटर)

 

युवा वोटर (18-29 वर्ष) स्पष्ट रूप से महागठबंधन की ओर झुकाव दिखा रहे हैं, जो बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बनाता है।

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गठबंधन/पार्टी एसएएस ग्रुप सर्वे (%)
महागठबंधन 49%
एनडीए 26%
जन सुराज 14%

 

🎯 तेजस्वी की ‘हर घर नौकरी’ योजना पर प्रतिक्रिया

 

तेजस्वी यादव की ‘हर घर नौकरी’ गारंटी को लोग चुनाव को प्रभावित करने वाला मान रहे हैं, हालांकि इसे चुनावी नारा मानने वालों की संख्या भी अधिक है।

राय वोट वाइब सर्वे (%) एसएएस ग्रुप सर्वे (%)
अच्छा फैसला/फायदा होगा 38.1% 39.5%
चुनावी नारा/संभव नहीं 48.0% 41.5%

 

♀️ महिला वोटरों का रुझान

 

महिला वोटरों को गेम-चेंजर माना जाता है। इस वर्ग में दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर है, लेकिन जन सुराज भी यहाँ वोट काट रही है।

  • एनडीए: 39.5%
  • महागठबंधन: 39%
  • जन सुराज: 9%

 

🔪 जन सुराज पार्टी: किंगमेकर या वोट कटर?

 

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प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी 8-12% वोट शेयर हासिल कर सकती है।

जन सुराज किसका वोट काटेगी? एसएएस ग्रुप सर्वे (%)
एनडीए का 33%
एनडीए व महागठबंधन दोनों का 15%
महागठबंधन का 10%
किसी का नहीं 23%

विश्लेषण: यदि जन सुराज मुख्य रूप से एनडीए (विशेषकर जेडीयू) का वोट काटती है, तो इसका सीधा लाभ महागठबंधन को मिल सकता है।


अंतिम निष्कर्ष: चुनाव पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह चुनाव राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करेगा, और तेजस्वी का ‘लालटेन’ (बेरोजगारी का मुद्दा) और नीतीश का ‘जंगल राज’ का डर मुख्य प्रतिस्पर्धात्मक कारक बने रहेंगे। नतीजों तक सस्पेंस बरकरार है।

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