राजू अनेजा, काशीपुर।नगर के विकास और जनता की आवाज़ को सीधे सत्ता के शीर्ष तक पहुँचाने की दिशा में काशीपुर के महापौर दीपक बाली ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने सबका ध्यान खींच लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काशीपुर आगमन पर आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि जनप्रतिनिधि यदि ईमानदारी से पहल करें तो जनता और सरकार के बीच की दूरी पाटी जा सकती है।
मुख्यमंत्री धामी का 9 सितंबर की सुबह श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारा में सिख समाज के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होना तय था। समय की पाबंदी को देखते हुए वे एक दिन पहले यानी 8 सितंबर की शाम ही काशीपुर पहुँचे। महापौर दीपक बाली ने इस मौके को जनहित का अवसर बनाते हुए उसी शाम प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन कर डाला।
सम्मेलन बना संवाद का मंच
सम्मेलन में शहर के उद्योगपति, डॉक्टर, अधिवक्ता, शिक्षक, व्यापारी और समाजसेवी सहित हर वर्ग के प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे। मंच से उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने यातायात व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएँ, रोजगार, उद्योग विस्तार और आधारभूत ढाँचे जैसे मुद्दे रखे।
सीएम धामी ने इस पहल की तारीफ करते हुए साफ कहा – “काशीपुर का यह सम्मेलन बताता है कि जब जनता और सरकार सीधे संवाद करें तो समस्याओं का समाधान भी तेजी से होता है। यह एक आदर्श मॉडल है जिसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।”
मुख्यमंत्री भी हुए प्रभावित
कार्यक्रम के शानदार आयोजन और चुने हुए गणमान्यों की मौजूदगी देख मुख्यमंत्री इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा – “यहां बैठी भीड़ उत्तराखंड की असली क्रीम है। ऐसे आयोजन विकास को नई दिशा देते हैं।”
जनता ने जताई उम्मीदें
नागरिकों का कहना है कि काशीपुर तेजी से औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, ऐसे में सड़कें, स्वास्थ्य, शिक्षा और यातायात जैसी सुविधाओं का विस्तार जरूरी है। सम्मेलन में यह भी सुझाव दिया गया कि आने वाले वर्षों में नगर पर बढ़ते दबाव को देखते हुए योजनाबद्ध विकास की दिशा तय करनी होगी।
महापौर की सोच बनी अलग पहचान
महापौर दीपक बाली की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि वह राजनीति को केवल दिखावे तक सीमित नहीं रखते, बल्कि ठोस परिणाम लाने के लिए जोखिम उठाने को तैयार हैं। यही कारण है कि वे अन्य नेताओं से अलग नजर आते हैं।
नगरवासियों ने दी बधाई
सम्मेलन की सफलता के बाद नगरवासियों ने भी महापौर की जमकर सराहना की। उनका कहना था कि यदि इसी तरह जनता की सहभागिता और सरकार से सीधा संवाद जारी रहा तो काशीपुर की कई पुरानी समस्याओं का समाधान निकलेगा और शहर विकास की नई राह पर आगे बढ़ेगा। कुल मिलाकर, काशीपुर का यह प्रबुद्धजन सम्मेलन एक ऐसा उदाहरण बनकर उभरा जिसने दिखा दिया कि यदि पहल सही सोच और नीयत के साथ हो तो जनता और सत्ता के बीच संवाद की राह कभी बंद नहीं होती।



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