दुर्घटना में युवक की मौत पर परिजनों को 63.50 लाख का मुआवजा, अधिवक्ता कैलाश चंद्र प्रजापति की जोरदार पैरवी पर अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को दिया भुगतान आदेश

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राजू अनेजा,काशीपुर। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीतेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने सड़क दुर्घटना में मारे गए जसपुर निवासी मोहम्मद आदिल के परिजनों को 63 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को दिया है।

अदालत ने यह आदेश मृतक के पिता अहमद नबी द्वारा दाखिल क्षतिपूर्ति याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।


टहलने निकले युवक को पीछे से मारी टक्कर, मौके पर मौत

घटना 25 मई 2024 की रात की है। जसपुर निवासी अहमद नबी का पुत्र मोहम्मद आदिल रात को खाना खाकर अपने दोस्तों के साथ टहलने के लिए जसपुर-पतरामपुर रोड पर गया था।
वापसी के दौरान जब वह सम्राट आरा मशीन के पास पहुंचा, तभी पीछे से आ रही एक मोटरसाइकिल ने तेज़ व लापरवाही से चलाते हुए उसे टक्कर मार दी।

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रात करीब 10:45 बजे हुई इस टक्कर में आदिल गंभीर रूप से घायल हो गया।
दोस्तों ने तुरंत उसे सरकारी अस्पताल जसपुर पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अगले दिन सरकारी अस्पताल काशीपुर में पोस्टमार्टम किया गया।

इस मामले की रिपोर्ट मृतक के पिता अहमद नबी ने थाना जसपुर में दर्ज कराई थी।


अधिवक्ता के तर्कों से सहमत हुई अदालत

मृतक के परिजनों ने अपने अधिवक्ता कैलाश चंद्र प्रजापति के माध्यम से जिला न्यायाधीश रुद्रपुर की अदालत में क्षतिपूर्ति का मुकदमा दायर किया था।
मामले की सुनवाई के लिए इसे द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीतेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत में भेजा गया।

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सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रजापति ने न्यायालय में मृतक के पिता अहमद नबी, चश्मदीद गवाह मुईन अहमद, तथा आयकर निरीक्षक विनोद कुमार भल्ला को परीक्षित कराया।
अदालत को बताया गया कि मृतक मोहम्मद आदिल प्राइवेट नौकरी करता था और बाकी समय अपने पिता के साथ लकड़ी के कारोबार में भी सहयोग करता था, जिससे वह सालाना लगभग 6.50 लाख रुपये तक कमा लेता था।

अधिवक्ता ने यह भी तर्क रखा कि दुर्घटना में पूरी गलती मोटरसाइकिल चालक की थी।

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इंश्योरेंस कंपनी को ब्याज सहित भुगतान का आदेश

अदालत ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ता के तर्कों पर विचार करते हुए टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह मृतक के परिजनों को ₹63,50,412 रुपये की राशि 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अदा करे।

अदालत के इस निर्णय के बाद मृतक के परिजनों ने न्यायालय का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें देर से सही, पर न्याय मिला है।

 

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