नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक नाबालिग से दुष्कर्म से जुड़े मामले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह फैसला तब दिया, जब आरोपी और पीड़ित, जो अब बालिग है, ने कोर्ट को बताया कि वे दोनों शादी कर चुके हैं।
क्या है पूरा मामला?
मई 2021 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में एक युवक के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह मामला सत्र न्यायालय टिहरी में लंबित था। निचली अदालत से जमानत मिलने के बाद युवक ने पीड़िता से शादी कर ली। वर्तमान में पीड़िता की उम्र 22 वर्ष है।
कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकल पीठ के समक्ष युवक और युवती वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। उन्होंने बताया कि उनकी शादी 5 अगस्त 2024 को हुई थी और वे खुशी-खुशी पति-पत्नी के रूप में रह रहे हैं। उन्होंने ‘उत्तराखंड अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम’ के तहत अपने विवाह का पंजीकरण भी कराया है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की शादी को देखते हुए कहा कि यदि मामले में आगे की कार्यवाही जारी रखी गई, तो यह उन्हें पूर्ण न्याय से वंचित करने जैसा होगा। कोर्ट ने वास्तविक और ठोस न्याय सुनिश्चित करने के लिए मामले को रद्द करने का आदेश दिया।



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