देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों में बनेंगे तीमारदार विश्राम गृह, ₹20 में नाश्ता और ₹35 में भोजन मिलेगा

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देहरादून: उत्तराखंड के राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून और हल्द्वानी में अब मरीजों के परिजनों और तीमारदारों के लिए विश्राम गृहों का निर्माण किया जाएगा। इन विश्राम गृहों में ठहरने, बैठने, पेयजल, भोजन, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में इस सुविधा के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग और सेवादान आरोग्य संस्था के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विश्राम गृहों से भर्ती मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को ठहरने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने सेवादान आरोग्य संस्था से किच्छा स्थित एम्स सैटेलाइट सेंटर में भी यह व्यवस्था करने का आग्रह किया, जिस पर संस्था ने अपनी सहमति जताई।

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किफायती दरों पर मिलेंगी सुविधाएँ

 

इन विश्राम गृहों में तीमारदारों को अत्यंत किफायती दरों पर भोजन और नाश्ता मिलेगा:

  • नाश्ता: ₹20
  • दोपहर व रात्रि भोजन: ₹35

विश्राम गृहों के निर्माण के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून में 1750 वर्गमीटर और राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 1400 वर्गमीटर भूमि उपलब्ध कराई गई है। यह एमओयू आगामी 20 वर्षों के लिए वैध रहेगा।


 

क्षमता और किराये की दरें

 

सेवादान आरोग्य फाउंडेशन दोनों मेडिकल कॉलेजों में कुल 350 बिस्तरों की क्षमता वाले विश्राम गृहों का निर्माण करेगी। बिस्तरों और कमरों की दरें इस प्रकार होंगी:

  • 10 बेड वाले पांच और 8 बेड वाले दो शयनागार: ₹55 प्रति बिस्तर
  • 6 बेड वाले 5 शयनागार: ₹75 प्रति बिस्तर
  • डबल बेड वाले 33 कमरे: ₹330 प्रति कक्ष
  • डबल बेड वाले 8 कमरे (एसी युक्त): ₹850 प्रति कक्ष
  • चार बेड वाले 36 कमरे: ₹75 प्रति बिस्तर के हिसाब से
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इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव विनय शंकर पांडेय, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, और सेवादान आरोग्य संस्था से अभिषेक सक्सेना, आनंद सिंह बिसेन, अमित दास सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “सरकार मरीजों के साथ उनके तीमारदारों की कठिनाइयों को भी गंभीरता से समझती है। अस्पतालों में दिन-रात परिजनों को समय बिताना पड़ता है। तीमारदारों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने विश्राम गृह बनाने का निर्णय लिया है। पहले चरण में दून व हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तीमारदारों को विश्राम गृह की सुविधाएं मिलेंगी।”

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यह पहल अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, जो अक्सर ठहरने और भोजन की असुविधाओं का सामना करते हैं।

क्या आपको लगता है कि ऐसी सुविधाएँ देश के सभी बड़े अस्पतालों में उपलब्ध होनी चाहिए?