देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में निर्माणाधीन बैली ब्रिज के टूटने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने लापरवाही बरतने के आरोप में दो अधिशासी अभियंता सहित चार अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब एबीपी लाइव ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद जिलाधिकारी चमोली ने चीफ इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी कर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।
चार जून को टूटा था पुल:
गौरतलब है कि चमोली जिले के थराली के अंतर्गत ढाढ़रबगड़ के घटगाड़ गदेरे पर 60 मीटर स्पान का एक बैली ब्रिज बनाया जा रहा था। यह निर्माणाधीन बैली ब्रिज चार जून को अचानक भरभरा कर टूट गया था, जिसके बाद शासन और प्रशासन में हड़कंप मच गया था।
इन पर हुई कार्रवाई:
लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इस प्रकरण में तत्काल कार्रवाई करते हुए निम्नलिखित अभियंताओं को निलंबित कर दिया है:
- लोनिवि निर्माण खंड थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता।
- प्रांतीय खंड कर्णप्रयाग (अतिरिक्त कार्यभार निर्माण खंड थराली) के अधिशासी अभियंता नवीन लाल।
- निर्माण खंड थराली के सहायक अभियंता आकाश हुड़िया। इसके अतिरिक्त, प्रमुख अभियंता राजेश चंद्र शर्मा ने भी इसी प्रकरण में निर्माण खंड थराली के जेई मयंक को निलंबित किया है। इन सभी अभियंताओं पर कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप है।
सीनियर अफसर भी रडार में:
निलंबित किए गए इन चारों इंजीनियरों को मुख्य अभियंता कार्यालय पौड़ी से संबद्ध किया गया है। निलंबन आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आरोप इतने गंभीर हैं कि इनके स्थापित होने की दशा में उक्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इससे संकेत मिलता है कि मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी और अन्य सीनियर अफसर भी रडार में हो सकते हैं।
सीएम धामी के सख्त तेवर:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को लेकर अपने सख्त तेवर दिखाए हैं। उन्होंने कहा है कि “प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्वों के प्रति जिम्मेदारी की भावना से कार्य करे। उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना एवं विकसित राज्य ही सरकार का लक्ष्य है। यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी अपने दायित्वों और कर्तव्यों के प्रति लापरवाही करता है, जनहित के कार्यों के प्रति लापरवाही करता है या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
यह कार्रवाई धामी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है।












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