सुखमय जीवन के लिए पत्नी को ना बताएं यह चार बातें – चाणक्य नीति
अपनी नीतियों व बुद्धिमत्ता के बल पर नंद वंश का नाश कर एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को महान सम्राट बनाने वाले आचार्य चाणक्य को समाज के हर क्षेत्र की बारीकी से ज्ञान था। उनके द्वारा रचित नीति ग्रंथ में सुखमय जीवन जीने के सुझाव दिए गए हैं। उनके सुझाव वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है।
नीति शास्त्र में चाणक्य ने सुखमय जीवन जीने के लिए चार बातें पत्नी को नहीं बताने की बात कही है।
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1- कमाई:
नीति-शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जिक्र किया है कि अपनी पत्नी को अपनी कमाई के बारे में नही बताना चाहिए। उनका मानना था कि अगर महिलाओं को अपने पति की कमाई के बारे में पता चल जाएगा तो वह पैसों को खर्च करने पर रोक लगा सकती हैं। या फिर अधिक खर्च करने लगेगी।
2- कमजोरी:
कभी भी पति को अपनी पत्नी को किसी कमजोरी के बारे में नहीं बताना चाहिए। क्योंकि अगर पत्नी को पति की कमजोरी के बारे में पता चल जाएगा तो वह अपनी जिद को पूरा करने के लिए बार-बार आपकी कमजोरी का हवाला देगी।
3- अपमान:
आचार्य चाणक्य का मानना था कि कभी भी अपने अपमान की बात पत्नी को भूलकर भी ना बताएं। वरना पत्नी पति को बार-बार ताना मारती रहेगी।
4- दान:
दान करने पर इसका जिक्र पत्नी से भूलकर भी नही करना चाहिए। आचार्य चाणक्य का मानना था कि अगर पत्नी को पति के दान के बारे में पता चल जाए तो वह उसे बार-बार ताने मारने लगती है।












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