पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तराखंड के अल्मोड़ा में दो दिवसीय आध्यात्मिक यात्रा पर पहुँचे। इस दौरान उन्होंने दूनागिरी की पवित्र वादियों में स्थित महावतार बाबा की गुफा में पहुंचकर ध्यान लगाया, जिसे उन्होंने ‘अद्भुत और आत्मशांति प्रदान करने वाला’ अनुभव बताया।
🏞️ आध्यात्मिक यात्रा का विवरण
- स्थान: महावतार बाबा की गुफा, दूनागिरी की पहाड़ियाँ, द्वाराहाट, अल्मोड़ा (पांडवखोली के निकट)।
- यात्रा: गुफा तक पहुँचने के लिए लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी खड़ी चढ़ाई को पूर्व राष्ट्रपति ने डोली के माध्यम से पार किया।
- स्वागत: गुफा यात्रा से पूर्व जब उनका काफिला रतखाल गांव पहुँचा, तो ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पिछोड़ा पहनकर उनका भव्य स्वागत किया।
- अनुभव: लगभग तीन घंटे चली इस आध्यात्मिक यात्रा के बाद उन्होंने इच्छा जताई कि वे पुनः बाबा के दरबार में आना चाहेंगे।
- ज्ञान प्राप्ति: गुफा पहुँचने से पहले, उन्होंने स्मृति भवन में योगदा आश्रम के संन्यासियों से महावतार बाबा, लाहिड़ी महाशय, युक्तेश्वर गिरी और परमहंस योगानंद जैसे संतों के जीवन और क्रिया योग के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
🧘♂️ महावतार बाबा की गुफा का महत्व
- क्रिया योग का उद्गम: महावतार बाबाजी गुफा को हिमालय क्षेत्र की सबसे आध्यात्मिक गुफा माना जाता है और इसे क्रिया योग का उद्गम स्थल कहा जाता है।
- ऐतिहासिक घटना: ऐसा कहा जाता है कि 1861 में महावतार बाबाजी ने इसी गुफा में लाहिड़ी महाशय को शिक्षित किया था और उन्हें क्रिया योग की शिक्षा दी थी।
- दर्शनार्थी: हर दिन कई तीर्थयात्री और क्रिया योगी इस गुफा में दर्शन और ध्यान के लिए आते हैं।
⏰ गुफा में दर्शन का समय
गुफा में दर्शन के लिए समय का ध्यान रखना आवश्यक है:
| मौसम | समयावधि |
| गर्मियों में | 1 मार्च से 30 सितंबर तक: सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक |
| सर्दियों में | 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक: सुबह 10 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक |
ध्यान दें: सुरक्षा कारणों से इस गुफा में अकेले यात्रा न करें और ग्रुप के साथ ही आ सकते हैं।
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