हल्द्वानी फ्लाईओवर योजना पर लगा ब्रेक, फायदे से ज्यादा नुकसान की आशंका

खबर शेयर करें -

हल्द्वानी: हल्द्वानी शहर में प्रस्तावित फ्लाईओवर का निर्माण फिलहाल नहीं होगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने फ्लाईओवर के लिए कराए गए सर्वे और फिजिबिलिटी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके अनुसार फ्लाईओवर बनाए जाने से फायदे से ज़्यादा सामाजिक और आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। इसी वजह से फ्लाईओवर की योजना पर फ़िलहाल रोक लगा दी गई है।


 

क्यों टली योजना?

 

शहर की बढ़ती आबादी और वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण मुख्य चौराहों पर जाम की समस्या आम है। इस समस्या के समाधान के लिए PWD ने मुखानी से लालडांठ चौराहा और मंगलपड़ाव से तिकोनिया चौराहे तक फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई थी। विभाग ने पिछले वर्ष फिजिबिलिटी सर्वे करवाया था, जिसकी फाइनल रिपोर्ट अब तैयार हो चुकी है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक हटी, जल्द जारी होगा नया शेड्यूल

रिपोर्ट में फ्लाईओवर के निर्माण से होने वाले सामाजिक और आर्थिक नुकसान की आशंका जताई गई है, और अभी निर्माण न करने का सुझाव दिया गया है। इसलिए विभाग ने इस योजना को फ़िलहाल टाल दिया है।


 

व्यापारियों का विरोध भी एक बड़ा कारण

 

फ्लाईओवर निर्माण का शहर के व्यापारी शुरू से ही विरोध कर रहे थे। उन्होंने आशंका जताई थी कि इससे शहर के मुख्य बाज़ार के साथ-साथ सैकड़ों व्यापारियों का कारोबार प्रभावित होगा। सर्वे रिपोर्ट में व्यापारियों के इस विरोध को भी फ्लाईओवर निर्माण नहीं किए जाने का एक मुख्य कारण बताया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी: बागेश्वर और नैनीताल के लिए ऑरेंज अलर्ट, भूस्खलन का खतरा

 

अब चौराहों के चौड़ीकरण पर ज़ोर

 

फ्लाईओवर नहीं बनने पर अब चौराहों पर लगने वाले जाम के स्थायी समाधान के लिए चौराहों के चौड़ीकरण से राहत मिलने की उम्मीद है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इसके लिए अधिकांश चौराहों पर चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है, और अन्य चौराहों के लिए प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल: 12वीं की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, फंदे पर लटकी मिली

लोक निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रत्युष कुमार ने बताया, “फ्लाईओवर निर्माण के सर्वे के आधार पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट फाइनल कर ली गई है। आर्थिक, सामाजिक आकलन के अनुसार अभी निर्माण नहीं किया जाएगा।”

यह फैसला हल्द्वानी के शहरी नियोजन में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जहाँ अब तात्कालिक समाधानों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा।