हरिद्वार अर्द्धकुंभ 2027: पहली बार ‘शाही स्नान’ की जगह होंगे अमृत स्नान, सीएम धामी ने की तिथियों की घोषणा

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हरिद्वार: हरिद्वार में आयोजित होने वाले अर्द्धकुंभ 2027 में पहली बार ‘शाही स्नान’ की जगह ‘अमृत स्नान’ होंगे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न अखाड़ों के साथ बैठक के बाद घोषणा की कि अर्द्धकुंभ 1 जनवरी 2027 से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें तीन अमृत स्नान के साथ 10 मुख्य स्नान होंगे।


🗓️ अर्द्धकुंभ 2027 का कार्यक्रम

 

  • अवधि: 1 जनवरी 2027 से 30 अप्रैल 2027 तक।

  • मुख्य स्नान: 10 मुख्य स्नान।

  • अमृत स्नान (पहले शाही स्नान): 3 अमृत स्नान।

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🌟 ‘शाही स्नान’ अब ‘अमृत स्नान’

 

  • बदलाव की वजह: महाकुंभ 2025 से साधु-संतों और अखाड़ों की मांग पर ‘शाही स्नान’ को ‘अमृत स्नान’ कहा जाने लगा है।

  • तर्क: ‘शाही स्नान’ शब्द मुगल काल से जुड़ा था, जबकि ‘अमृत स्नान’ का उल्लेख प्राचीन धर्मग्रंथों में मिलता है। इस धार्मिक और ऐतिहासिक तर्क के कारण यह बदलाव किया गया है।

🤝 मुख्यमंत्री और अखाड़ों की बैठक

 

मुख्यमंत्री धामी ने डामकोठी में सभी तेरह अखाड़ों के दो-दो सचिवों के साथ बैठक की।

  • भव्यता का संकल्प: सीएम धामी ने कहा कि संतों के सुझावों को शामिल करते हुए अर्द्धकुंभ मेले को दिव्य और भव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा।

  • संतों की सहमति: साधु-संतों ने अर्द्धकुंभ मेले को पूर्ण कुंभ मेले की तर्ज पर आयोजित करने पर सहमति जताई और आयोजन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

  • उपस्थिति: बैठक में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ‘निरंजनी’, महामंत्री श्रीहरि गिरी, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ‘महानिर्वाणी’ आदि मौजूद रहे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार साधु-संतों की मांग के अनुरूप तैयारियाँ कर रही है ताकि यह अर्द्धकुंभ अभूतपूर्व रूप से संपन्न हो सके।

क्या आप अर्द्धकुंभ 2027 की संभावित अमृत स्नान की तिथियाँ जानना चाहेंगे?

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