हरिद्वार: हरिद्वार में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे वेनम सेंटर (साँपों के ज़हर का कारोबार) का मामला अब जल्द ही पुलिस को सौंपा जा सकता है। वन विभाग पिछले एक महीने से इस मामले की जांच कर रहा है, लेकिन आरोपी संचालक को पकड़ने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
एक महीने से फरार है संचालक
साँपों के ज़हर के अवैध कारोबार का यह मामला वन विभाग के लिए एक पहेली बन गया है, क्योंकि मुख्य आरोपी एक महीने से फरार है:
- आरोपी की पहचान: अवैध वेनम सेंटर के संचालक का नाम नितिन बताया गया है।
- तलाश: राजाजी टाइगर रिजर्व और हरिद्वार डिवीजन की टीमें उत्तराखंड के बाहर उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों तक भी उसकी तलाश कर चुकी हैं, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली है।
- कारोबार की गंभीरता: वन विभाग की जांच में सामने आया है कि फरार संचालक लंबे समय से इस अवैध कारोबार में लिप्त था और साँपों के ज़हर बेचने का नेटवर्क खड़ा कर चुका था।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पुष्टि की है कि मामला सामने आने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई और आरोपी के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी किया गया है, जिससे उसकी तलाश और तेज हो गई है।
वन मंत्री ने दिए पुलिस को जांच सौंपने के संकेत
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि एक महीने से आरोपी का न पकड़ा जाना चिंता का विषय है।
- विचार-विमर्श: उन्होंने कहा कि आरोपी को पकड़ने और पूरे प्रकरण की गहन जांच के लिए, अब इस मामले को पुलिस के सुपुर्द करने पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।
- न्यायालय का वारंट: न्यायालय ने भी आरोपी संचालक के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट जारी कर दिया है।
वन विभाग अब तक इस अवैध वेनम सेंटर के बारे में जानकारी जुटा चुका है, जहाँ जहरीले साँपों का ज़हर अवैध रूप से रखकर उसका व्यापार करने की आशंका जताई गई थी।



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