क्या इस बार भी विधायकी की सीट को तश्तरी में परोसकर भाजपा को ही देने की हो रही है तैयारी? आगामी चुनाव की तैयारी को छोड़ आपसी बयानबाजी में उलझे कांग्रेसी

खबर शेयर करें -


 

राजू अनेजा,काशीपुर। 2027 विधानसभा चुनाव की आहट भले अभी दूर हो, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी कलह और बयानबाजी ने पार्टी की जमीन पहले ही हिला दी है। जनता के मुद्दों पर मुखर होने के बजाय स्थानीय कांग्रेस नेता आपसी आरोप–प्रत्यारोप और तस्वीर विवाद में उलझे हैं। यही हाल रहा तो कांग्रेस एक बार फिर विपक्ष की भूमिका निभाने से पहले ही विपक्ष में धकेल दी जाएगी।

बीते दिनों पूर्व सहकारिता मंत्री स्व. चौधरी समरपाल सिंह की तस्वीर कांग्रेस भवन से हटाए जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब तक थमा नहीं है। संगठन के वरिष्ठ और युवा नेताओं में तनातनी ने साफ कर दिया है कि पार्टी जन सरोकारों से ज्यादा आपसी गुटबाजी में उलझी हुई है।

यह भी पढ़ें 👉  जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र गौरव चौहान का PM श्री नवोदय विद्यालय में चयन

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि जब प्रदेश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और स्थानीय विकास की बात कर रही है, तब कांग्रेस नेता आपसी तकरार में व्यस्त हैं। “जनता की आवाज बनने की बजाय, कांग्रेस खुद अपनी आवाज दबा रही है,” — ऐसा कहना है स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का।

यह भी पढ़ें 👉  काशीपुर से दिल्ली तक बजा बाली का डंका, महापौर दीपक बाली को मिली अखिल भारतीय महापौर परिषद में बड़ी जिम्मेदारी

पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि यही हाल रहा तो “काशीपुर की सीट एक बार फिर भाजपा को तश्तरी में परोसकर दी जाएगी।

संगठन के भीतर चल रही रस्साकशी ने कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ा है। पुराने नेता किनारे किए जा रहे हैं और युवा नेताओं को केवल मंच सजाने तक सीमित कर दिया गया है।

कांग्रेस के भीतर बढ़ती यह खींचतान आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। जनता विकास चाहती है, मगर कांग्रेस अपने ही विवादों से निकल नहीं पा रही।

यह भी पढ़ें 👉  जिस कपड़े से प्राइवेट अंग साफ किया, उसी से जूस के गिलास पोंछ रहे थे बिलावल मियां, एसएसपी कार्यालय के बाहर जूस वाले की घिनौनी हरकत

अब सवाल यही है कि क्या कांग्रेस इस बार आत्ममंथन कर मैदान में उतरेगी, या फिर एक बार फिर भाजपा को यह सीट सहज जीत के रूप में सौंप देगी?

 

Ad Ad Ad