लालकुआं: पुराने वाहनों पर प्रतिबंध से 10,000 लोगों के रोजगार पर संकट

खबर शेयर करें -

लालकुआं में सहायक परिवहन अधिकारी द्वारा पुराने वाहनों के संबंध में भेजे गए एक पत्र ने गौला खनन मजदूर उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश जोशी की चिंता बढ़ा दी है। इस पत्र में 2010 से पुराने वाहनों को हटाने की बात कही गई है, जिससे क्षेत्र के हजारों लोगों के रोजगार पर सीधा असर पड़ने की आशंका है।

रमेश जोशी के अनुसार, गौला नदी और नंदौर नदी में लगभग 10,000 वाहन चलते हैं, जिससे सीधे-सीधे 90% लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि गौला नदी का वर्तमान व्यवसाय ऐसा नहीं है कि वाहन मालिक नई गाड़ियां खरीदकर उनका कर्ज चुका सकें।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में सहायक अध्यापक भर्ती: न्यायिक अड़चन दूर, 1300 से अधिक अभ्यर्थियों को जल्द मिलेगी नियुक्ति

समिति अध्यक्ष की मुख्य बातें:

  • वाहन सुरक्षित और फिट: जोशी ने बताया कि गौला नदी में खनन संबंधी जो भी वाहन चल रहे हैं, वे सभी अच्छी स्थिति में हैं और उनका हर साल फिटनेस टेस्ट भी होता है। इन गाड़ियों में पक्के लाइसेंस वाले ड्राइवर ही रखे जाते हैं।
  • रोजगार पर संकट: यदि जिलाधिकारी 2010 से पुराने वाहनों को रद्द करते हैं, तो क्षेत्र में एक बहुत बड़ा बेरोजगार वर्ग खड़ा हो जाएगा।
  • सीमित परिचालन क्षेत्र: गौला नदी में काम करने वाले वाहन वैसे भी मुख्य मार्गों पर बहुत कम आते हैं। वे केवल 7 या 8 किलोमीटर के दायरे में ही काम करते हैं।
  • ओवरलोडिंग पर ध्यान देने की अपील: रमेश जोशी ने प्रशासन से अपील की है कि वे पुरानी गाड़ियों पर सख्ती करने के बजाय ओवरलोडिंग पर ध्यान दें, जिससे दुर्घटनाएं कम हो सकती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गौला नदी में वन निगम द्वारा ही ओवरलोडिंग कराई जा रही है, जिसका खामियाजा वाहन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें 👉  देहरादून: उत्तराखंड के 11 जिलों में आज बारिश का अनुमान, कल से कुछ राहत संभव

इस मुद्दे पर प्रशासन और खनन से जुड़े लोगों के बीच आगे क्या बातचीत होती है, यह देखने लायक होगा।