उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण अब निःशुल्क: UCC के तहत 26 जुलाई तक बिना शुल्क कराएं रजिस्ट्रेशन

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देहरादून: उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) 27 जनवरी 2025 से लागू हो चुकी है। इस नई व्यवस्था के तहत, 26 मार्च 2010 से लेकर 26 जनवरी 2025 के बीच हुए सभी विवाहों को UCC के तहत रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य किया गया है।

वर्तमान में विवाहों के रजिस्ट्रेशन के लिए ₹250 का शुल्क लिया जा रहा है। हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि अधिक से अधिक लोग अपने विवाह का रजिस्ट्रेशन करा सकें। इसी क्रम में, 27 जनवरी 2025 से पहले हुई शादियों का रजिस्ट्रेशन आगामी 26 जुलाई 2025 तक बिल्कुल निःशुल्क होगा। यानी, 26 जुलाई 2025 से पहले अगर कोई विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाता है, तो उसे कोई शुल्क नहीं देना होगा।

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पहले से पंजीकृत विवाहों को भी जानकारी देना अनिवार्य:

इसके अतिरिक्त, वे नागरिक जिन्होंने अपने विवाह को पहले ही उत्तराखंड विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2010 या किसी अन्य वैयक्तिक कानून (Personal Law) के तहत रजिस्टर्ड करवा लिया है, उन्हें भी इस पंजीकरण की जानकारी या रसीद (acknowledgment) समान नागरिक संहिता के पोर्टल पर देना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया केवल सूचना प्रदान करने के लिए है और इसके लिए भी कोई शुल्क देय नहीं होगा।

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डिजिटल प्रक्रिया और सरकार की अपील:

अभी तक समान नागरिक संहिता के तहत 1 लाख 90 हजार से अधिक विवाहों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा चुका है। विवाह पंजीकरण की सभी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है, जिससे नागरिकों को बिना किसी कार्यालयीय जटिलता के ऑनलाइन माध्यम से ही पंजीकरण की सुविधा प्राप्त हो रही है।

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राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस समय सीमा का लाभ उठाते हुए शुल्क-मुक्त पंजीकरण की सुविधा का अधिकतम उपयोग करें और UCC के तहत अपने विवाहों का अनिवार्य पंजीकरण करा लें। यह पहल राज्य में विवाह पंजीकरण को बढ़ावा देने और UCC के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।


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