उत्तराखंड में महिला अपराधों के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

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देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ते महिला अपराधों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने तीखा विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को उत्तराखंड महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी की महिला कार्यकर्ताएँ राज्य महिला आयोग के दफ्तर पहुंचीं। दफ्तर के बाहर कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने थाली बजाकर महिला के खिलाफ हो रहे अपराधों का विरोध जताया।

इस दौरान कांग्रेस ने उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में कांग्रेस ने राज्य में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही हिंसा, बलात्कार और जघन्य हत्या की घटनाओं पर तत्काल लगाम लगाए जाने की मांग उठाई है।

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सरकार पर लगाए गंभीर आरोप:

इस अवसर पर ज्योति रौतेला ने उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार महिला सम्मान, भ्रष्टाचार और भय मुक्त समाज के वायदे पर पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।

ज्योति रौतेला ने आरोप लगाया कि बीते तीन सालों में प्रदेश के भीतर हत्या, मासूमों से बलात्कार और महिलाओं से संबंधित जघन्य अपराधों की वारदातों में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में औसतन प्रति माह एक बलात्कार और हत्या की घटना घटित हो रही है। रौतेला ने तीन साल पूर्व राज्य में हुए अंकित भंडारी जैसे जघन्य हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम अभी तक उजागर न होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से महिला सम्मान के साथ-साथ प्रदेश की अस्मिता पर भी चोट पहुंची है।

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ज्योति रौतेला का आरोप है कि राज्य में भय का माहौल है और आमजन, विशेषकर महिलाएँ, अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस ने बीते तीन सालों में महिलाओं के ऊपर हुए अपराधों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है।

रौतेला ने हरिद्वार में हाल ही में सामने आए एक मामले का भी उल्लेख किया, जहाँ एक माँ ने ही अपनी 13 साल की नाबालिग बच्ची का कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म कराया है और आरोप लगाया कि आरोपी माँ बीजेपी की पदाधिकारी भी रही है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से आग्रह किया है कि महिलाओं से संबंधित इन आपराधिक घटनाओं के लिए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

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