उत्तराखंड में मानसून की रिकॉर्ड तोड़ बारिश, सामान्य से 22% ज्यादा वर्षा दर्ज, जिलेवार आँकड़ों में बड़ा अंतर
देहरादून: साल 2025 में मानसून की बारिश ने उत्तराखंड में कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। 1 जून से 10 सितंबर 2025 तक के आँकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, लद्दाख, दिल्ली और राजस्थान से भी ज्यादा बारिश हुई है। राज्य में इस बार सामान्य बारिश 1060.7 एमएम होती है, लेकिन इस साल यह 1300.2 एमएम रिकॉर्ड की गई है, जो कि सामान्य से 22% अधिक है।
इन राज्यों से ज्यादा हुई उत्तराखंड में बारिश
इस मानसून सीजन में कई राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। जहाँ हिमाचल प्रदेश में 44%, जम्मू-कश्मीर में 40% और पंजाब में 54% ज्यादा बारिश हुई, वहीं उत्तराखंड ने इन सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया। लद्दाख में तो 427% अधिक वर्षा दर्ज की गई।
जिलेवार आँकड़ों में बड़ा अंतर
उत्तराखंड के 13 जिलों में से कुछ में अत्यधिक बारिश हुई है, जबकि कुछ में सामान्य से कम। इस दौरान बागेश्वर जिले में सबसे ज्यादा 239% बारिश हुई। इसके अलावा, चमोली में 93%, टिहरी में 51%, हरिद्वार में 48%, अल्मोड़ा में 31% और देहरादून में 28% ज्यादा बारिश दर्ज की गई। वहीं, पौड़ी (-28%), रुद्रप्रयाग (-5%) और नैनीताल (-6%) जैसे जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।
जान-माल का भारी नुकसान
रिकॉर्ड तोड़ बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। 1 अप्रैल से अब तक 85 लोगों की मौत हुई है और 128 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, 94 लोग लापता हैं, जिनमें से अकेले धराली आपदा में 67 लोग शामिल थे।
आपदा से 167 बड़े जानवरों और 6,744 छोटे जानवरों की भी मौत हुई है। लोगों के घरों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचा है, जिसमें 274 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 75 गौशालाएँ भी टूट गई हैं।



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