उत्तराखंड में 10 जून तक दस्तक देगा मॉनसून, आपदा प्रबंधन ने कसी कमर
देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही मॉनसून का आगमन होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, 10 जून तक मॉनसून उत्तराखंड पहुँच जाएगा, और इस बार मॉनसून सीजन में 108% बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसी आकलन को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसी क्रम में शनिवार को देहरादून में आपदा प्रबंधन ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शिरकत की।
प्री-मॉनसून गतिविधियाँ और भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले चार से पाँच दिनों तक प्रदेश में अच्छी खासी बारिश देखने को मिलेगी। विशेष रूप से पहाड़ी जिले जैसे उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी बरसात होने की आशंका है। हालाँकि, पाँच जून के बाद बारिश से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पूरे सप्ताह उत्तराखंड में कई जगहों पर हल्की-फुल्की बारिश जारी रहेगी, जिसे प्री-मॉनसून शॉवर भी कहा जा सकता है। प्रदेश में दस जून के बाद मॉनसून के पूरी तरह सक्रिय होने की उम्मीद है, जिसके बाद बारिश भी जोर पकड़ेगी। एक-दो दिन में मॉनसून के बिहार पहुँचने की भी संभावना है।
सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान
मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि पूरे भारत में इस बार मॉनसून सीजन में सामान्य से 6% अधिक बरसात देखने को मिलेगी। उत्तराखंड के लिए लॉन्ग पीरियड एवरेज रेन का मानक 87 सेंटीमीटर है, जिससे 6% अधिक बारिश होने की संभावना है। उम्मीद है कि यह औसत 108% तक पहुँच जाएगा।
आपदा प्रबंधन की कार्यशाला और मुख्य सुझाव
उत्तराखंड में मॉनसून से पहले आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। शनिवार को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस कार्यशाला में आपदा प्रबंधन विभाग के अलावा जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी भी वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश के लिए आपदा हर साल एक बड़ी चुनौती बनकर उभरती है। आगामी मॉनसून सीजन में आपदा जैसी चुनौती से कैसे निपटा जाए, इसी पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें तैयारियों को परखा गया।
कार्यशाला में पहुँचे NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) के सदस्य राजेंद्र सिंह ने राज्य सरकार को तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए:
- आपदा से निपटने के लिए पूर्व चेतावनी और तत्काल कार्रवाई के साथ-साथ अंतर-विभागीय समन्वय बेहद महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय नेतृत्व और जनभागीदारी की भूमिका बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर आपदा प्रबंधन सचिव ने तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि मौसम विभाग किस तरह अपनी सहभागिता निभा रहा है।












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