राजू अनेजा,नोएडा। अब खाली ज़मीन पर बैठकर दाम बढ़ने का इंतज़ार करने वालों के अच्छे दिन खत्म! नोएडा अथॉरिटी ने बड़ा और सख्त फैसला लेते हुए उन सभी प्लॉट मालिकों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है, जिन्होंने सालों पहले ज़मीन तो ले ली, मगर उस पर एक ईंट भी नहीं रखी।
हाल ही में हुई 219वीं बोर्ड मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि जिन प्लॉट्स पर 12 साल से कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ, उनका अलॉटमेंट सीधे निरस्त कर दिया जाएगा।
जमीन ली, पर कुछ नहीं बनाया — अब पछताना पड़ेगा
अथॉरिटी के मुताबिक, शहर में बड़ी संख्या में ऐसे प्लॉट मालिक हैं जिन्होंने सिर्फ़ निवेश के नाम पर ज़मीन खरीदी और फिर वर्षों तक उसे खाली छोड़ दिया। मकसद सिर्फ़ एक — दाम बढ़ने का इंतज़ार और बाद में मुनाफा कमाना।
लेकिन अब अथॉरिटी ने तय कर लिया है कि यह जमाखोरी नहीं चलेगी। ऐसे मामलों में कार्रवाई करके या तो निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा या फिर ज़मीन वापस ली जाएगी।
कई बार दिए नोटिस, फिर भी नहीं जागे मालिक
नोएडा अथॉरिटी ने बताया कि बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद भी कई लोगों ने कोई काम शुरू नहीं किया।
- जिन लोगों ने निर्माण शुरू कर दिया है, उन्हें 6 महीने की मोहलत और दी गई है।
- मगर जिनके प्लॉट अब तक खाली पड़े हैं, उनकी ज़मीन जब्त की जा सकती है।
- अथॉरिटी ने इन सभी मामलों की पहचान शुरू कर दी है और सीधे एक्शन मोड में आ गई है।
खाली प्लॉट बिगाड़ रहे हैं शहर की सूरत
अथॉरिटी का कहना है कि शहर में पड़े खाली प्लॉट न केवल शहरी सौंदर्य को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि हाउसिंग की बढ़ती जरूरतों को भी रोकते हैं।
हर साल हजारों लोग नोएडा में बसने की उम्मीद लेकर आते हैं, लेकिन पुरानी खाली ज़मीनों पर निर्माण न होने से उन्हें सस्ते और उचित मकान नहीं मिल पाते।
इससे विकास की रफ्तार धीमी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अनावश्यक दबाव बढ़ जाता है।
किन पर पड़ेगा असर?
- जिनके पास 2000 से पहले के अलॉटमेंट हैं और आज तक प्लॉट पर कुछ नहीं बनाया।
- जिन्होंने सिर्फ निवेश के लिए ज़मीन खरीदी और उसे यूं ही खाली छोड़ रखा है।
- जिन्हें अथॉरिटी ने पहले भी चेतावनी दी, पर कोई एक्शन नहीं लिया।
अगर आप भी ऐसे प्लॉट मालिक हैं, तो या तो निर्माण शुरू करें, या अथॉरिटी से संपर्क करें, वरना ज़मीन जाने का खतरा तय है।
क्यों अहम है यह फैसला?
- तेजी से बढ़ते शहर में हर इंच जमीन का सही इस्तेमाल जरूरी है।
- खाली प्लॉट्स से डेवलपमेंट की गति रुकती है और आवास संकट गहराता है।
- यह कदम शहर में रियल एस्टेट सेक्टर में अनुशासन लाने और आम लोगों को घर का मौका देने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।



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