राजू अनेजा, हल्द्वानी।साइबर ठगों ने लोगों की जमा पूंजी हड़पने का नया तरीका निकाल लिया है। अब वे ओटीपी मांगने के बजाय भरोसे में लेकर केवल एक रुपया ट्रांजैक्शन कराने का झांसा देते हैं और फिर खाते की पूरी रकम साफ कर देते हैं। इस नए पैतरे में कई लोग फंसकर जीवनभर की कमाई गंवा चुके हैं।
पहले एक रुपये की करते हैं मांग
साइबर विशेषज्ञ व सीओ रामनगर सुमित पांडे ने बताया कि ठग बेहद प्रशिक्षित होते हैं। वे बीमा पॉलिसी, किराया, एटीएम या सिम एक्टिवेशन जैसी बातों का हवाला देकर फोन करते हैं। फिर परीक्षण के नाम पर एक रुपया भेजने को कहते हैं।
कुमाऊं आईजी रिद्धिम अग्रवाल के मुताबिक जैसे ही शिकार उनके झांसे में आकर एक रुपया यूपीआई या नेट बैंकिंग से भेज देता है, ठग उस मोबाइल नंबर व खाते की अहम जानकारी निकाल लेते हैं और मिनटों में खाता खाली कर देते हैं।
केस-1
हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र के टीपी नगर निवासी सेना के एक जवान को 10 अगस्त को बीमा पॉलिसी एक्टिवेशन के नाम पर फोन आया। ठग ने पहले एक रुपया भेजने को कहा। जवान ने जैसे ही रुपये भेजे, कुछ ही देर में उसके खाते से 57 हजार रुपये उड़ गए।
केस-2
बनबसा निवासी एक कारोबारी से ऑनलाइन ऑर्डर के नाम पर संपर्क किया गया। व्यापारी से कहा गया कि भुगतान नहीं हो पा रहा है, पहले एक रुपया डालकर जांच लें। व्यापारी ने जैसे ही एक रुपया भेजा, खाते से 29 हजार रुपये गायब हो गए।
ठगी से बचने के उपाय
- किसी भी अनजान शख्स को रकम या दस्तावेज न भेजें।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- बैंक, बीमा कंपनी या सर्विस प्रोवाइडर से जुड़े अनुरोध की आधिकारिक पुष्टि करें।
- हमेशा टू-स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करें।
- मोबाइल पर इंस्टॉल सभी ऐप अपडेट रखें।
- यूपीआई और नेट बैंकिंग के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ठग लगातार नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। ऐसे में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।



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