पुलिस ने एक करोड रुपए की कीमत के दुर्लभ सांप के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, तीनों अपराधी ‘लाडवा गैंग’ के सदस्य

Police arrested three smugglers with a rare snake worth one crore rupees, all three criminals are members of the 'Ladwa Gang'

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राजू अनेजा ,देहरादून । अपराधिक गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत दून पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।पुलिस ने  तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार करते हुए उनसे दुर्लभ किस्म का दो मुंहा लाल सैंड बोआ सांप बरामद किया है। जो कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (संशोधित) के तहत संरक्षित प्राणियों की सूची में आता है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों से बरामद संरक्षित प्रजाति के इस साँप की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 1 करोड़ रुपए है।

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में से दो हरियाणा के रहने वाले हैं, जबकि तीसरा उत्तराखंड का निवासी है। आरोपियों की पहचान हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के रहने वाले अनिल कुमार (40) और यमुनानगर जिले के रहने वाले अशोक कुमार (50) के रूप में हुई है, जबकि तीसरा आरोपी संदीप कुमार (41) हरिद्वार जिले का निवासी है। ये तीनों अपराधी ‘लाडवा गैंग’ के सदस्य हैं।

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सांप के इतना महंगा होने के पीछे के कारण की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि रेड सैंड बोआ एक दुर्लभ किस्म का गैर-जहरीला सांप होता है, जिसका उपयोग कुछ खास दवाइयां और सौंदर्य प्रसाधन बनाने के अलावा काले जादू में किया जाता है, इसलिए दुनिया भर में इसकी भारी मांग रहती है।

कार्रवाई की जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया, ‘2 मई को हमें अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी गिरोह के तीन सदस्यों के देहरादून में होने के बारे में सूचना मिली थी। हमें बताया गया कि उनके पास दुर्लभ लाल सैंड बोआ प्रजाति का सांप है, जिसका इस्तेमाल अक्सर काले जादू में किया जाता है। आरोपी विकास नगर के कैनाल रोड पर बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की सफेद रंग की स्विफ्ट कार में सांप बेचने के इरादे से इंतजार कर रहे थे।’

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आगे उन्होंने कहा, ‘हमने तुरंत संदिग्धों को पकड़ने के लिए एक विशेष पुलिस टीम गठित की। टीम ने इलाके की घेराबंदी की और कार को रोका। तलाशी के दौरान वाहन की पिछली सीट पर एक बैग में दो मुंह वाला लाल सैंड बोआ मिला।’

उन्होंने बताया, ‘पूछताछ करने पर तीनों संदिग्ध कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जब ​​उनसे आगे पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि यह सांप काले जादू में इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए ऊंचे दामों पर बेचने के लिए वे इसे हरियाणा से देहरादून लाए थे। साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय काला बाजार में सांप की कीमत 1 करोड़ रुपए के आसपास है और इसके साथ ही उन्होंने खुद के लाडवा गिरोह से जुड़े होने की पुष्टि भी की।’

एसएसपी ने कहा, ‘हमने मौके पर वन विभाग को बुलाया। वन अधिकारियों ने सांप की पहचान रेड सैंड बोआ के रूप में की और बताया कि यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (2022 में संशोधित) की अनुसूची I के भाग सी (सरीसृप), सीरियल नंबर 01 के तहत सूचीबद्ध है। इस प्रजाति को अधिनियम के तहत सख्ती से संरक्षित किया गया है, और इसका शिकार, व्यापार, कब्जा या परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित है और इसे दंडनीय अपराध माना जाता है।’

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उन्होंने कहा, ‘चूंकि संरक्षित सांप उनके कब्जे में पाया गया था, इसलिए तीनों आरोपियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 39, 48, 49बी और 51 के तहत गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ विकास नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है।’