देहरादून: राजधानी देहरादून में आयोजित होने वाले एक ‘फर्जी शादी’ (नकली शादी) इवेंट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस आयोजन का हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध किया है, जिसके बाद पुलिस ने इवेंट के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है। ‘बैंड-बाजा-बरात’ नाम से आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम 6 सितंबर को माल ऑफ देहरादून में होने वाला था।
क्या है ‘फर्जी शादी’ इवेंट?
यह आयोजन एक व्यवसाय मॉडल पर आधारित है, जहाँ आयोजक असली शादी जैसा माहौल बनाते हैं, लेकिन इसमें कोई असली रिश्ता नहीं होता। मेहमान बनकर आने वाले युवक-युवतियों से 1,001 रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया जा रहा था और उनके लिए ड्रेस कोड भी निर्धारित था। बजरंग दल के नेता विकास वर्मा ने इसे ‘देवभूमि की संस्कृति को धूमिल करने की साजिश’ बताया और कहा कि वे शादी जैसे पवित्र रिश्ते का मजाक नहीं उड़ने देंगे।
हिंदू संगठनों और समाज का विरोध
बजरंग दल के अलावा, दून विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष एच.सी. पुरोहित ने भी इस आयोजन की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में शादी एक पाणिग्रहण संस्कार है, और इसका मजाक बनाना सभ्यता का हनन है। उन्होंने ऐसे आयोजनों पर रोक लगाने और आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस और मॉल प्रबंधन का बयान
विवाद बढ़ने के बाद, माल ऑफ देहरादून के प्रवक्ता ने बताया कि यह आयोजन पारंपरिक परिधानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा था। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे आयोजकों के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लेंगे। दूसरी ओर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने साफ कर दिया है कि आयोजकों ने अनुमति माँगी थी, लेकिन उसे मना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ‘शादी’ के नाम पर किसी भी तरह के इवेंट की अनुमति नहीं दी जाएगी।



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