पुलिस ने रिटायर्ड प्रिंसिपल हत्याकांड का किया खुलासा, लालच, अवैध संबंध, अश्लील वीडियो और ब्लैकमेल बना मर्डर की वजह

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देहरादून : अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग की नाकाम साजिश रचने वाले दंपती ने एक बुजुर्ग की गलाघोंट कर हत्या की और शव को टुकड़ों में कर नहर में फेंक दिया। देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र में यह घटना 2 फरवरी को घटी और बुजुर्ग के शव को 20 फरवरी को देवबंद, सहारनपुर की साखन नहर से बरामद किया गया। घटना में फरार दंपती पर पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित किया। शहर-दर-शहर पुलिस के बचता फिरा इनामिया दंपती पुलिस ने आखिरकार पंजाब के अमृतसर से दबोच लिया।

एसएसपी देहरादून अजय सिंह के मुताबिक, पटेलनगर निवासी श्याम लाल के लापता होने की सूचना पुलिस को 7 फरवरी को मिली थी। जांच में मामला अपहरण का निकला। सीसीटीवी फुटेज में श्यामलाल घर से किशननगर चौक होते हुए गीता नाम की महिला के घर तक जाते दिखे, लेकिन लौटे नहीं। गीता भी अपने पति हिमांशु चौधरी समेत फरार मिली। जांच के बाद पुलिस ने गीता के भाई देवबंद सहारनपुर निवासी अजय और अजय के बहनोई धनराज चावला को गिरफ्तार किया तो खुलासा हुआ कि 2 फरवरी को इन दोनों ने गीता और हिमांशु के साथ मिलकर श्याम लाल की हत्या कर शव के टुकड़े कर साखन नहर में फेंक दिए थे।

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12 साल से थे संबंध
गिरफ्त में आई गीता ने पुलिस को बताया कि श्यामलाल से 12 साल से उसके संबंध थे। इसी के चलते उसे अपने पहले पति से अलग रहना पड़ा। वह 3 साल से बेटी के साथ रह रही थी। मई 2024 में उसने हिमांशु से मंदिर में शादी कर ली। हिमांशु देहरादून से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। बार-बार ड्रॉप आउट होने से उसका काफी खर्चा हो गया था। पैसों की तंगी को पूरा करने के लिए दोनों ने श्यामलाल की गीता संग अश्लील वीडियो बनाकर पैसे ऐंठने का षड्यंत्र रचा था।

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शोर मचाया तो घोंटा गला, किए टुकड़े
आरोपियों ने किशननगर एक्स्टेंशन में अपने किराए के कमरे से थोड़ी दूरी पर एक अन्य कमरा किराए पर लिया। 2 फरवरी को गीता ने श्यामलाल को फोन कर अपने कमरे पर बुलाया। कमरे में वीडियो बनाने को हिमांशु पहले से छिपा था। श्याम लाल कमरे में पहुंचे तो उन्हें दोनों की योजना की भनक लग गई और वह मदद के लिए चिल्लाने लगे। गीता और हिमांशु ने श्यामलाल को बांधकर काबू करने का प्रयास किया, लेकिन श्यामलाल ने चिल्लाना जारी रखा। जिस पर दोनों ने उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। फिर अजय और धनराज की मदद से श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकड़े किए और फिर उन्हें प्लास्टिक के अलग-अलग कट्टों में पैक कर दिया। धनराज वाहन में घरेलू सामान के साथ टुकड़ों को रखकर देहरादून से देवबंद ले गया और साखन नहर में फेंक दिया।

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पांच राज्यों में काटी फरारी, बच नहीं पाए
हिमांशु ने बताया कि उन्होंने पुलिस को गुमराह करने के लिए श्यामलाल की बाइक देहरादून आईएसबीटी के पास प्लॉट में खड़ी कर उसकी नंबर प्लेट उखाड़ दी थी। पुलिस से बचने के लिए गीता और वो छिपते छिपाते मुम्बई, जयपुर, प्रयागराज, कुरूक्षेत्र से अमृतसर पहुंचे, जहां दून पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। टीम में एसओ पटेलनगर प्रदीप राणा, इंस्पेक्टर योगेश दत्त, एसओजी प्रभारी विनोद गुसाईं, एसआई देवेश खुगशाल, दीनदयाल, विनोद राणा, कुन्दन राम, विजय प्रताप, हेड कांस्टेबल किरण कुमार, कांस्टेबल अरशद, विकास, हेमन्ती नन्दन, ललित कुमार, पंकज कुमार, नरेन्द्र, लोकेन्द्र, अमित, आशिष शर्मा, विपिन व मोनिका रहे।