हल्द्वानी: गुरुवार को होने वाले नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव से ठीक पहले बुधवार रात पुलिस ने हल्द्वानी में विपक्ष के एक बड़े नेता के होटल और बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा। पुलिस की इस व्यापक कार्रवाई से वहां हड़कंप मच गया और सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
पुलिस और नेता प्रतिपक्ष के अलग-अलग बयान
पुलिस ने इस छापेमारी को 15 अगस्त की सुरक्षा के मद्देनजर एक रूटीन चेकिंग अभियान बताया। हालांकि, सीओ सिटी नितिन लोहानी ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस लाखन नेगी के खिलाफ जारी NBW (गैर जमानती वारंट) के तहत उनकी तलाश में गई थी, लेकिन वह होटल में नहीं मिले।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब सत्ता पक्ष द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है।
छापेमारी का चुनावी और सियासी एंगल
यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी पुष्पा नेगी (लाखन नेगी की पत्नी) और भाजपा की दीपा दरमवाल आमने-सामने हैं। इस घटना को कांग्रेस खेमे पर दबाव बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी लाखन नेगी पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया गया था और हाल ही में प्रशासन ने उनके स्कूल और रेस्टोरेंट को अवैध बताकर सील कर दिया था। लाखन नेगी ने खुद भी प्रशासन पर उनकी पत्नी का नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
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