उत्तराखंड: श्रीनंदादेवी राजजात 2026 की तैयारियां शुरू, CM धामी ने दिए सुरक्षा और समन्वय के निर्देश

खबर शेयर करें -

देहरादून: एशिया की सबसे लंबी धार्मिक यात्राओं में से एक श्रीनंदादेवी राजजात के सुरक्षित और सुव्यवस्थित आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ अगले वर्ष होने वाली इस दिव्य यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की।


 

व्यापक कार्ययोजना और समन्वय पर जोर

 

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय से यात्रा के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करें और उसे धरातल पर उतारें। उन्होंने स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी यात्रा से जोड़ने पर विशेष बल दिया, ताकि यह आयोजन सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध हो सके।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड बोर्ड: परीक्षाफल सुधार परीक्षा 4 से 11 अगस्त तक, विशेष छात्रों को अतिरिक्त समय

 

यात्रा मार्गों और स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस

 

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को श्रीनंदादेवी राजजात के मार्गों की समय पर मरम्मत करने के साथ ही सुरक्षा रेलिंग लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा के सभी प्रमुख पड़ावों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एंबुलेंस और टेलीमेडिसिन सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में मॉनसून का कहर जारी: भारी बारिश का येलो अलर्ट, भूस्खलन और सड़क बंदियों से जनजीवन प्रभावित

 

सांस्कृतिक प्रोत्साहन और समयबद्ध तैयारी

 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़कर पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रीनंदादेवी राजजात से जुड़े सभी विभाग यात्रा के मद्देनज़र आपसी समन्वय के साथ व्यापक कार्ययोजना तैयार करें और इस वर्ष के अंत तक जमीनी स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर लें।

यह भी पढ़ें 👉  ऑपरेशन कालनेमि' में फर्जी साधु-संतों की खुली पोल, न ज्ञान, न दस्तावेज फिर भी सार्वजनिक स्थलों पर कर रहे थे ढोंग

 

इसका उद्देश्य यह है कि अगले वर्ष होने वाली यह दिव्य यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुव्यवस्थित और अविस्मरणीय अनुभव बन सके। इस तरह की भव्य धार्मिक यात्राओं के लिए पहले से की गई तैयारी भक्तों के अनुभव और सुरक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण होती है।