बदरीनाथ महायोजना में पौराणिक मान्यताओं से छेड़छाड़ पर नागरिकों का विरोध प्रदर्शन
गोपेश्वर: बदरीनाथ धाम में महायोजना के तहत चल रहे विकास कार्यों में पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय नागरिकों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। नागरिकों ने जुलूस निकालकर शासन-प्रशासन की नीतियों की कड़ी आलोचना की है।
बदरीनाथ में महायोजना के खिलाफ प्रदर्शन
बदरीनाथ धाम में महायोजना के तहत सुंदरीकरण के कई कार्य चल रहे हैं, जिनमें नई सड़कों का निर्माण, रिवर फ्रंट का विकास, मंदिर के आसपास की साज-सज्जा और पार्किंग निर्माण शामिल हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन कार्यों के दौरान धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक प्रतीकों की अनदेखी की जा रही है।
नागरिकों की प्रमुख मांगें
विरोध प्रदर्शन कर रहे नागरिकों ने शासन-प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- पौराणिक और धार्मिक शिलाओं को तोड़ने का काम तुरंत रोका जाए।
- चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों की सीमित संख्या को समाप्त न किया जाए।
- बदरीनाथ धाम महायोजना 2025 की समीक्षा की जाए।
- प्रभावित परिवारों के लिए विस्थापन नीति के तहत भूमि की रजिस्ट्री कराई जाए।
पुनर्वास नीति पर असंतोष
नागरिकों में सबसे अधिक असंतोष पंचभैया मोहल्ला कुबेर गली में रह रहे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को लेकर है। उनका कहना है कि अभी तक पुनर्वास नीति स्पष्ट नहीं की गई है और न ही अधिकांश परिवारों के लिए नई भूमि का चयन किया गया है। आक्रोशित नागरिकों ने धरना स्थल एराइवल प्लाजा से साकेत तिराहे तक जुलूस निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस प्रदर्शन में होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता और बदरीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष पीताम्बर मोलफा समेत कई नागरिक शामिल हुए।
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