तपिश भरी गर्मी के रमजान अलविदा, अब आने वाले 11 साल तक सर्दियों में गुजरेगा रमजान का महीना,2030 में दो बार आएगा रमजान के मुकद्दस महीना
Goodbye to the scorching summer Ramadan, now the month of Ramadan will be spent in winter for the next 11 years, the holy month of Ramadan will come twice in 2030
राजू अनेजा, काशीपुर। जल्द ही माह-ए-रमजान मुकम्मल होने के साथ-साथ गर्मी में रोजेदारों के सब्र का इम्तिहान भी पूरा हो जाएगा। 2007 से 2025 के बीच 19 साल रोजेदारों ने सूरज की तपिश, उमस भरी गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच खुदा की इबादत की। अब आने वाले 11 साल तक रमजान का महीना सर्दियों के बीच ही गुजरेगा।
2026 से 2036 तक रमजान की आमद ठंडे मौसम में होगी। वर्ष 2007 से 2025 तक 19 बार रमजान का महीना आया। इस्लामिक कैलेंडर का यह पाक महीना पिछले 19 वर्षों में मार्च से सितंबर के बीच गुजरा।
हर साल 10 से 12 दिन पीछे खिसकता है रमजान
मदरसा अरबिया इमदादिया मोहतमिम और शेखुल हदीस माैलाना मोहम्मद असजद कासमी के मुताबिक रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नाैवां महीना है। इसकी रमजान की तारीखें इस्लामी कैलेंडर से तय होती हैं। जो एक हिजरी चंद्र कैलेंडर है। जिसमें 12 चंद्र महीने होते हैं। हर महीना अर्द्धचंद्र के दिखने के साथ शुरू होता है। चंद्र महीना 29 या 30 दिन का होता है, जिससे चंद्र वर्ष करीब 354 दिन का हो जाता है। ऐसे में साैर गणना आधारित ग्रेगोरियन वर्ष 10 से 12 दिन छोटा हो जाता है। इस अंतर के कारण रमजान हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर में पहले शुरू होता है और हर 33 साल में एक समय माैसमी चक्र को पूरा करता है।












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