रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग में एक अश्लील वीडियो को स्थानीय बताकर वायरल किए जाने के मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। इस प्रकरण में अब तक 11 व्यक्तियों की संलिप्तता सामने आई है, जिनमें से छह नाबालिग हैं। पुलिस ने चिन्हित लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
🕵️♂️ प्रकरण का विवरण
- शिकायत: एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दी कि एक अश्लील वीडियो के माध्यम से उनकी बेटी को बदनाम किया जा रहा है, जबकि वह वीडियो उनकी बेटी का नहीं है।
- मुकदमा दर्ज: शिकायतकर्ता की तहरीर के आधार पर थाने में निम्नलिखित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है:
- धारा 79 भारतीय न्याय संहिता (महिला का अपमान किए जाने हेतु किया गया कार्य/निजता का उल्लंघन)।
- धारा 67A सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (इलेक्ट्रॉनिक रूप में यौन रूप से स्पष्ट कृत्य या आचरण वाली सामग्री प्रकाशित करना/प्रसारित करना)।
🔍 पुलिस जाँच और वास्तविकता
एसपी अक्षय कोंडे ने बताया कि:
- गलत वायरल: किसी अश्लील वीडियो को ‘लोकल का’ बताते हुए गलत सोच के चलते वायरल किया गया है।
- वीडियो की वास्तविकता: पुलिस की जाँच में पाया गया कि यह वीडियो वर्ष 2023 में विभिन्न साइट्स पर अपलोड किया गया था, जिसका संबंध हैदराबाद से है। इस वीडियो का स्थानीय स्तर पर कोई संबंध नहीं है।
- उद्देश्य: यह वीडियो किसी को बदनाम करने के उद्देश्य से शेयर किया गया था।
⚖️ पुलिस की कार्रवाई
- चिन्हित व्यक्ति: इस प्रकरण में अब तक 11 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें छह नाबालिग हैं। सभी चिन्हितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
- व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन पर कार्रवाई: पुलिस ने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप के 4 व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन पर भी कार्रवाई की है।
- अपील: पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अश्लील सामग्री को किसी दूसरे व्यक्ति के मान-सम्मान और छवि को खराब करने के उद्देश्य से प्रचारित/प्रसारित न करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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