IPS तृप्ति भट्ट की सफलता की कहानी: 16 सरकारी नौकरियां छोड़कर पहले प्रयास में UPSC क्रैक किया

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बेटी तृप्ति भट्ट उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जिन्होंने अपने बड़े सपने को पूरा करने के लिए बड़ी जोखिम उठाने की हिम्मत रखी। बेहतरीन अवसर वाली 16 सरकारी नौकरियों को छोड़कर, उन्होंने पूरी लगन से यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में सिविल सेवा अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया।


🏡 सरल शुरुआत और उच्च शिक्षा

 

  • मूल निवास: तृप्ति उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली हैं।

  • पृष्ठभूमि: उनका जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जहाँ माता-पिता ने उन्हें बचपन से ही जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

  • इंजीनियरिंग की पढ़ाई: उन्होंने पंतनगर यूनिवर्सिटी से बीटेक (BTech) की पढ़ाई पूरी की।

यह भी पढ़ें 👉  फिल्मी चमत्कार: उत्तराखंड से गुम हुआ महंगा स्मार्टफोन 6 महीने बाद इंग्लैंड में मिला, चंपावत पुलिस ने घर पहुंचाया

💼 प्रतिष्ठित नौकरियों को ठुकराया

 

तृप्ति ने बीटेक के बाद कई अच्छी नौकरियाँ प्राप्त कीं। उनके पास देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं में काम करने के अवसर थे:

  • एनटीपीसी (NTPC): असिस्टेंट मैनेजर का पद।

  • इसरो (ISRO – इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन): जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में नौकरी के मौके।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड खनन विभाग ने रचा इतिहास: राजस्व ने छुआ नया शिखर, ₹1040 करोड़ का रिकॉर्ड कलेक्शन

सुरक्षित और अच्छी नौकरियों के अवसर होने के बावजूद, उनका सपना सिविल सेवा अधिकारी बनना था। उन्होंने लगभग 16 सरकारी नौकरियां छोड़ दीं और पूरी तरह से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।

🚀 पहली कोशिश में बड़ी उपलब्धि

 

  • सफलता: तृप्ति ने वर्ष 2013 में पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में इसे पास किया।

  • रैंक: उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 165 हासिल की।

  • सेवा: यूपीएससी पास करने के बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चुना गया।

यह भी पढ़ें 👉  आंचल दुग्धशाला में शिवालिक इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों का शैक्षिक भ्रमण

आईपीएस अधिकारी बनकर उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत, आत्मविश्वास और लगन से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनकी कहानी आज लाखों युवाओं को हौसला देती है।