नैनीताल सहित इन चारों जिलों में 50-50 किमी का साइकिल ट्रैक बनाएगी धामी सरकार

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उत्तराखंड के नगरीय क्षेत्रों में वाहनों के बढ़ते दबाव और प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार अब साइकिल ट्रैकों का निर्माण करेगी। इसकी शुरुआत चार मैदानी जिले देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल से होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इन चारों जिलों में 50-50 किमी का साइकिल ट्रैक बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने नौ पर्वतीय जिलों में भी साइकिल ट्रैक बनाए जाने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण दिवस पर आवास पर पौधरोपण किया और स्कूल के छात्र-छात्राओं को जूट के बैग प्रदान किए। उन्होंने राज्य में पारंपरिक जल स्रोतों और नदियों को सूखने से बचाने और उन्हें नया जीवन देने के उद्देश्य से स्प्रिंग व रिवर रिजुवनेशन बोर्ड बनाए जाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि सभी 13 जिलों में स्वच्छता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली एक-एक ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया जाएगा।

वर्चुअल माध्यम से उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जिलों में पर्यावरण संरक्षण के लिए नियमित जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। कहा कि हमारे प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र वनों से आच्छादित है। वनों के संरक्षण के लिए हमें इससे होने वाले फायदे को लोगों की आजीविका से जोड़ना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि राज्य को जो 975 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला था, उसके सापेक्ष अब तक करीब 1092 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए जन सहभागिता को बढ़ाना होगा, इसमें जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

बैठक में जिलाधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण के हो रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। इससे पूर्व ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना में मृतकों के प्रति शोक संवेदना जताते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मिट्टी को बचाने के लिए पांच मंत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिट्टी को बचाने के लिए हमें पांच प्रमुख बातों पर ध्यान देना होगा। मिट्टी को रसायन मुक्त कैसे बनाएं। मिट्टी में प्राकृतिक जैविक खाद के रूप में काम आने वाले जीव कैसे बचाएं। मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें। उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं। भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें। वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।