
राजू अनेजा,काशीपुर।काशीपुर शहर का प्रमुख रेलवे क्रॉसिंग इन दिनों बदहाली की जीती-जागती तस्वीर बन चुका है। जहां एक ओर वाहन चालकों के लिए ओवरब्रिज बनने से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर पैदल यात्रियों की मुश्किलें कम होने की बजाय और बढ़ गई हैं। ओवरब्रिज के नीचे फैली गंदगी, अतिक्रमण और खानाबदोश का कुनबा शहर की सूरत बिगाड़ रहा हैं।
रेलवे ओवरब्रिज के नीचे बने खाली हिस्से में कई परिवारों ने अस्थायी ठिकाने बना रखे हैं। वहीं सड़क किनारे बिखरा कूड़ा, नालियों से आती दुर्गंध और खुले में रखे मलबे ने माहौल दूषित कर दिया है। स्थिति यह है कि पैदल गुजरना तक कठिन हो गया है — न समतल फुटपाथ, न साफ रास्ता, बस मिट्टी, पानी और उबड़-खाबड़ जमीन।
“वाहनों के लिए तो ओवरब्रिज बना, लेकिन पैदल चलने वालों के लिए रास्ता आज भी किसी सजा से कम नही
स्थानीय निवासीयो का कहना कि बारिश के दिनों में यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं होता, फिसलन और कीचड़ से लोग गिर तक जाते हैं।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि यह क्षेत्र शहर का मुख्य प्रवेश द्वार है, लेकिन इसके नीचे की स्थिति शर्मसार करने वाली है। प्रशासन को कई बार सूचना दी गई, पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती रही।
नगर निगम और रेलवे विभाग की जिम्मेदारी के बीच ये इलाका उपेक्षा का शिकार है। न सफाई का स्थायी प्रबंध है, न सुरक्षा का। ओवरब्रिज के नीचे बने अस्थायी ठिकाने अब स्थायी अतिक्रमण में तब्दील होते जा रहे हैं।
ट्रेनों में सघन अभियान, पर खानाबदोशों पर रहमत क्यों?

काशीपुर रेलवे स्टेशन पर जहां आरपीएफ और जीआरपी इन दिनों ट्रेनों में सघन चेकिंग अभियान चला रही हैं, वहीं ओवरब्रिज के नीचे बसी खानाबदोश बस्तियों की ओर किसी का ध्यान नहीं। सवाल उठता है कि जब स्टेशन परिसर में यात्रियों के बैग और टिकट की बारीकी से जांच होती है, तो फिर ओवरब्रिज के नीचे रह रहे अनजान लोगों पर ऐसी रहमत क्यों?
रेलवे ओवरब्रिज के नीचे दर्जनों अस्थायी ठिकाने बने हुए हैं। यहां रोजाना आग जलती है और लोग खुले में रह रहे हैं — पर किसी एजेंसी ने अब तक इनकी पहचान तक नहीं की। न कोई पुलिस सत्यापन, न रेलवे की चेकिंग।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन का यह दोहरा रवैया समझ से परे है। “ट्रेनों में तो यात्रियों को रोक-रोक कर तलाशी ली जाती है, लेकिन ओवरब्रिज के नीचे कौन रहता है, क्या करता है — किसी को परवाह नहीं,” एक दुकानदार ने तंज कसते हुए कहा।
दिल्ली में हुए हालिया धमाकों के बाद जहां पूरे देश में सुरक्षा अलर्ट है, वहीं काशीपुर जैसे प्रमुख स्टेशन के नीचे अनजान लोगों की मौजूदगी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
सिर्फ सफाई ही नहीं, यह इलाका अब सुरक्षा दृष्टि से भी संवेदनशील बन चुका है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह किसी दिन गंभीर हादसे या अपराध का केंद्र बन सकता है।
शहरवासी मांग कर रहे हैं कि नगर निगम, पुलिस, रेलवे और खुफिया विभाग संयुक्त रूप से यहां सघन अभियान चलाएं, ताकि गंदगी के साथ-साथ सुरक्षा खतरे का भी अंत हो सके।
दिल्ली हादसे के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है ओवर ब्रिज के नीचे बसे खानाबदोश लोगो को कई बार यहां से भगाया जाता है लेकिन फिर आकर बस जाते हैं।
सुखवंत सिंह,प्रभारी निरीक्षक रेलवे सुरक्षा बल, काशीपुर
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