सालाना 1000, रोजाना 25 रुपये शुल्क अनिवार्य – सवारी और चालक दोनों पर नशे की पूरी तरह रोक
राजू अनेजा,काशीपुर।नगर निगम क्षेत्र में चल रहे ई-रिक्शा अब मनमानी तरीके से नहीं दौड़ पाएंगे। निगम ने सख्त उपविधि लागू करते हुए साफ कर दिया है कि आरटीओ के साथ-साथ निगम का लाइसेंस भी जरूरी होगा। बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर न सिर्फ रिक्शा जब्त होगा बल्कि चालक पर जुर्माना भी ठोका जाएगा।
नियमों के मुताबिक हर ई-रिक्शा चालक को वार्षिक 1000 रुपये का लाइसेंस शुल्क और रोजाना 25 रुपये नगर निगम शुल्क अदा करना होगा। इसके साथ ही रिक्शा चालक की उम्र 18 से 60 साल तय की गई है और चालक के पूरी तरह स्वस्थ होने की शर्त भी जोड़ी गई है।
नशे पर जीरो टॉलरेंस
सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि ई-रिक्शा चालक किसी भी प्रकार का शराब, अल्कोहल युक्त पेय या निषिद्ध द्रव का सेवन नहीं करेगा। इतना ही नहीं, सवारी को भी नशे की हालत में यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
लाइसेंस रद्द भी कर सकेगा निगम
लाइसेंस देने और निलंबित करने का अधिकार निगम अधिकारी को दिया गया है। आदेश से असंतुष्ट चालक 15 दिन के भीतर नगर आयुक्त के समक्ष अपील कर सकता है, जिसका निर्णय अंतिम माना जाएगा। लगातार उल्लंघन पर 1000 रुपये जुर्माना और हर दिन 200 रुपये अतिरिक्त अर्थदंड वसूला जाएगा, जो अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकता है।
ठेकेदार की भूमिका पर सवाल
उपविधि में ई-रिक्शा चालकों को पहचान पत्र ठेकेदार द्वारा दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। ठेकेदार प्रतिमाह लिस्ट अद्यतन कर निगम को देगा, लेकिन उसके अन्य अधिकारों का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। इस पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर ठेकेदार की भूमिका क्यों जोड़ी गई।



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