काशीपुर: विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शुरू हुई गुटबाजी , महानगर अध्यक्ष ने संदीप सहगल के तस्वीर हटाने के मामले को बताया उनका व्यक्तिगत निर्णय,संगठन की नही थी सहमति

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राजू अनेजा,काशीपुर। आगामी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही काशीपुर में  कांग्रेस के भीतर बढ़ती खींचतान  खुलकर सामने आ गई है। पूर्व सहकारिता मंत्री स्व. चौधरी समरपाल सिंह की तस्वीर कांग्रेस भवन से हटाए जाने को लेकर पार्टी में शुरू हुआ विवाद ने अब जुबानी जंग में तब्दील हो गया है।

आज प्रेस को दिए बयान के मुताबिक महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन ने पूर्व मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल के उस बयान का खंडन करते हुए हलचल पैदा कर दी जिसमें पूर्व मेयर प्रत्याशी संदीप सहगल ने दावा किया था कि तस्वीर हटाने का निर्णय कार्यकर्ताओं की सामूहिक सहमति से लिया गया था। वहीं, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन ने इस दावे का कड़ा खंडन करते हुए कहा कि यह निर्णय किसी सामूहिक चर्चा का परिणाम नहीं, बल्कि व्यक्तिगत फैसला था।

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मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि 2 अक्तूबर को नवचेतना भवन में आयोजित गांधी–शास्त्री जयंती कार्यक्रम के दौरान स्वयं संदीप सहगल ने तस्वीर हटाने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि “उनका परिवार भाजपा में है, तो तस्वीर यहां क्यों लगी है।”

उन्होंने बताया कि कांग्रेस भवन एक ट्रस्ट की संपत्ति है, और वहां लगी तस्वीरों या प्रतिमाओं पर निर्णय ट्रस्ट का अधिकार है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को यह निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।

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महानगर अध्यक्ष ने संदीप सहगल के उस बयान को भ्रामक और असत्य बताया, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं अनुपम शर्मा, अलका पाल, जितेंद्र सरस्वती, मंसूर अली मंसूरी, अरुण चौहान और जय सिंह गौतम की सहमति का हवाला दिया था।

मुशर्रफ ने कहा कि उस समय मौजूद कार्यकर्ताओं ने भी यह स्पष्ट किया था कि स्व. चौधरी समरपाल सिंह अंतिम समय तक पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे और उनके पार्थिव शरीर पर कांग्रेस ध्वज अर्पित किया गया था। ऐसे में तस्वीर हटाने की मांग व्यक्तिगत नाराजगी से प्रेरित थी, न कि संगठनात्मक निर्णय से।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्व. चौधरी समरपाल सिंह का पूरा सम्मान करती थी और करती रहेगी।

राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह विवाद आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए नई सिरदर्दी बन सकता है, जहां गुटबाजी खुलकर संगठन की साख पर असर डाल रही है।

 

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