लोकसभा और नगर निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका ,तराई के कद्दावर नेता सुशील गाबा ने कांग्रेस को किया अलविदा , सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में होंगे शामिल

Congress may face a big blow before Lok Sabha and municipal elections, Terai's strong leader Sushil Gaba said goodbye to Congress, will join BJP with hundreds of supporters

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राजू अनेजा,रुद्रपुर। आगामी नगर निकाय चुनाव एवं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगता दिखाई दे रहा है पढ़ाई के कद्दावर नेता सुशील गाबा ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस को अलविदा कह दिया है वहीं बड़े  जोर शोर के साथ भाजपा का दामन थामने की तैयारी की जा रही है।

 

आपको बताते चलें कि विगत कई माह से लम्बे  समय से भयंकर गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस को  एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। घर-घर कांग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले कांग्रेस नेता सुशील गाबा ने आखिरकार कांग्रेस से रिश्ता तोड़ लिया है वह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ आज शाम भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं। बता दें कांग्रेस लम्बे समय से गुटबाजी से नहीं उबर पा रही है। प्रदेश स्तर से लेकर नगर स्तर तक की इकाईयों में गुटबाजी समय समय पर उभरकर सामने आती रही है। एक ओर जहां कांग्रेस हाईकमान पार्टी को मजबूत बनाने के लिए तरह तरह क ेजतन कर रहा है तो दूसरी तरफ संगठन में नगर जिला एवं प्रदेश इकाईयों में गुटबाजी के चलते संगठन लगातार कमजोर होता जा रहा है। कांग्रेसी खुद ही संगठन को कमजोर करने पर तुले हुए हैं।इसका प्रमुख कारण यह है कि कांग्रेस के निष्ठावान और पुराने कार्यकर्ताओं की संगठन में लगातार अनदेखी होती रही है। जिसका खामियाजा पार्टी को कई चुनावों में भुगतना पड़ा है। लेकिन पार्टी के नेताओं ने इससे सबक नहीं लिया। पार्टी के जिम्मेवार लोग संगठन को मजबूत बनाने के लिए धरातल पर प्रयास करने के बजाय खुद भी गाहे बगाहे गुटबाजी को बढ़ावा देते नजर आते हैं। उधम सिंह नगर में भी कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुयी है। इसके पीछे कहीं न कहीं वरिष्ठ नेता भी जिम्मेदार हैं। रूद्रपुर की ही बात करें तो यहां पर एक महानगर अध्यक्ष और एक कार्यवाहक महानगर अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं। दोनों में छत्तीस का आंकड़ा है। यह बात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में भी है इसके बावजूद दोनों गुटों के बीच मतभेद खत्म करने की दिशा में पार्टी के स्तर से कोई प्रयास नहीं किये गये। यही वजह है कि पार्टी के जमीनी स्तर से जुड़े एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मोह अब पार्टी से भंग होता जा रहा है। इसी साल प्रदेश में निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा उठाने के लिए भाजपा तैयार बैठी है। कांग्रेस में चल रहे अंदरूनी घमासान के बीच जिला महासचिव सुशील गाबा ने बीती शाम पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को इस्तीफा भेजा है। छात्र राजनीति से निकले सुशील गावा यूथ कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस में भी पदों पर रहे। उन्होंने पिछले कई चुनावों में कांग्रेस के लिए दिन रात एक किया था। 2011 में कांग्रेस से जुड़े सुशील गावा कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहते हुए लगातार सक्रिय भूमिका में रहे। वह डिग्री काॅलेज में छात्रसंघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। गाबा कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के प्रति हमेशा अपना दायित्व निभाते रहे। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा का दामन थामने का निर्णय लिया है। आज शाम भगत सिंह  चौक पर आयोजित कार्यक्रम में श्री गावा अपने 250 से अधिक युवा समर्थकों के साथ विधायक शिव अरोरा के समक्ष भाजपा की सदस्यता लेंगे।