देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड के छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम अब सीधे ‘गुरुजी’ के रिपोर्ट कार्ड को प्रभावित करेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने खराब परीक्षाफल वाले विद्यालयों के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को प्रतिकूल प्रविष्टि (Adverse Entry) देने के निर्देश जारी किए हैं। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन राजकीय शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में बताया कि उत्तराखंड बोर्ड 19 अप्रैल 2025 को परीक्षाफल घोषित कर चुका है, जिसमें हाईस्कूल का परीक्षाफल 90.77 प्रतिशत और इंटरमीडिएट का 83.23 प्रतिशत रहा है। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने जिले में खराब परीक्षाफल वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से जानकारी लेकर ऐसे शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं।
राजकीय शिक्षक संघ ने किया विरोध:
शिक्षा निदेशक के इस निर्देश का राजकीय शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्युली ने इस कदम को शिक्षकों का उत्पीड़न बताया है। उन्होंने तर्क दिया कि स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, और ऐसे में परीक्षा परिणाम यदि खराब है तो इसके लिए केवल शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है।
शिक्षकों का मानना है कि शिक्षा के गिरते स्तर के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं, जिनमें मूलभूत सुविधाओं की कमी, छात्र-शिक्षक अनुपात, और छात्रों के सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि भी शामिल हैं। उनका कहना है कि इन समस्याओं का समाधान किए बिना केवल शिक्षकों को दंडित करना अनुचित है।
यह देखना होगा कि सरकार और शिक्षक संघ के बीच इस मुद्दे पर आगे क्या रुख रहता है।
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