उत्तराखंड में ई-वाहनों के लिए तय होगा संचालन का दायरा, बढ़ती संख्या से ट्रैफिक हो रहा बाधित

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देहरादून: उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या और इससे हो रही ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार जल्द ही इनके संचालन का दायरा निर्धारित करने की तैयारी कर रही है। खासकर ई-रिक्शा और ई-ऑटो जैसे वाहनों के लिए पंजीकरण के समय ही संबंधित मार्ग तय कर दिया जाएगा। फिलहाल, प्रदेश में लगभग 25 हजार इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बिना किसी परमिट के चल रहे हैं।

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क्या है सरकार का प्लान?

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को नियंत्रित करने के लिए एक पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत ने चार सदस्यों की एक समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता सहायक परिवहन आयुक्त दिनेश चंद्र पठोई कर रहे हैं।

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इस समिति का मुख्य उद्देश्य नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पंजीकरण के समय ही उनके चलने के मार्ग को तय करना है। इसके साथ ही, समिति पुराने वाहनों के लिए भी एक योजना बनाने पर विचार कर रही है, ताकि शहरों में सुगम यातायात सुनिश्चित किया जा सके। सोमवार को इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें पुराने वाहनों के लिए भी नियमों पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

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