लालच, धोखा और हैवानियत… जिंदगी के नाम पर मौत बांटने वाले ‘डॉक्टर डेथ’ की खौफनाक कहानी
यूपी के एक लालची डॉक्टर ने अपने अस्पताल में 600 से ज्यादा मरीजों को ऐसे पेसमेकर लगा दिए जो या तो नकली थे या फिर किसी चालू कंपनी के. इस पूरे जानलेवा मामले का खुलासा अब जांच के बाद हुआ है. लेकिन ख़बरों के मुताबिक, इनमें से 200 लोगों की जान चली गई. आइए आपको विस्तार से बताते हैं, ‘डॉक्टर डेथ’ की दिल दहला देने वाली कहानी.
6 साल बाद आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी
पेशे के तमाम ऊसूलों को ताक पर रख कर करीब छह सौ से ज़्यादा मरीजों के साथ जानलेवा धोखाधड़ी करने की ये कहानी उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले की है. इत्तेफाक देखिए कि ये सबकुछ उसी इटावा की सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में हुआ है, जिसकी नींव कभी मुलायम सिंह यादव ने रखी थी. करीब छह साल तक चली जांच के बाद पुलिस ने अब जब इस मामले के आरोपी डॉक्टर समीर सर्राफ को गिरफ़्तार किया है. तो मरीजों के सीने में नकली पेसपेकर लगाने की ऐसी-ऐसी कहानियों का खुलासा हो रहा है कि जांच करने वाली पुलिस भी हैरान है.
लोगों को ऐसे बवकूफ बनाता था डॉक्टर सर्राफ
पुलिस की अब तक की जांच में डॉक्टर सर्राफ को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आई हैं. पता चला है कि डॉक्टर सर्राफ अपने पास इलाज के लिए आनेवाले मरीज़ों को अलग-अलग तरीक़ों से डराया और लूटा करते थे. जिन्हें ज़रा भी दिल से जुड़ी शिकायत होती थी, उन्हें डॉक्टर सर्राफ बीमारी और मौत का डर दिखा कर फौरन पेस मेकर लगाने की जरूरत बताता था. सरकारी अस्पतालों में आम तौर पर पेसमेकर लगाने में 75 हज़ार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है. लेकिन डॉक्टर सर्राफ अक्सर इन मरीजों को अच्छी क्वालिटी का पेसमेकर लेने और इसके लिए अलग से रुपये खर्च करने की सलाह देते था. इस तरह एक मरीज से 4 से पांच लाख रुपये तक चार्ज किया जाता.
ऐसे खुली नकली पेसमेकर की पोल
लेकिन इतने रुपये लेने के बावजूद मरीजों को डॉक्टर सर्राफ असली की जगह अनब्रांडेड और नकली पेसमेकर लगा कर छोड़ देता था. कई मामते तो ऐसे भी सामने आए, जिनमें मरीजों को पैकेट और स्टिकर किसी ब्रांडेड पेसमेकर का दिखाया गया और लगाया कोई और नकली पेसमेकर था. कुछ मरीज़ों ने पेसमेकर लगाने के बावजूद तबीयत बिगड़ने के बाद जब दिल्ली, कानपुर समेत दूसरे शहरों में अपना चेकअप करवाया, तब जाकर इस बात का ख़ुलासा हुआ कि उन्हें भरोसा तो असली पेसमेकर का दिया गया था, लेकिन लगाया नकली पेसमेकर था.
नकली पेसमेकर बनाने वालों ने कराई विदेश यात्राएं
हाल के कुछ सालों में डॉक्टर ने हॉन्गकॉन्ग, जापान, थाईलैंड, यूके समेत 7 से 8 अलग-अलग देशों की सपरिवार यात्राएं भी कीं. पुलिस को शक है कि इन यात्राओं के पीछे भी नकली पेसमेकर बनानेवाली कंपनियों से कमीशनख़ोरी की कहानी छुपी है. समझा जाता है कि ऐसी कंपनियों ने डॉक्टर को अपने पेसमेकर के इस्तेमाल के बदले विदेश यात्राएं कराईं.
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