हल्द्वानी : शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली गौला नदी का जल स्तर मात्र 106 क्यूसेक पर आया, पानी कम होने से नहरें रोस्टर से चलाई जा रही

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हल्द्वानी,  भीषण गर्मी और लगातार गिरते भूजल स्तर के चलते शहर में जल संकट गहराता जा रहा है। शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली गौला नदी का जल स्तर मात्र 106 क्यूसेक पर आ गया है। जल संस्थान के अधिकारी जहां जल आपूर्ति बनाए रखने के प्रयासों में जुटे हैं, वहीं नलकूपों पर बढ़ता दबाव चिंता का विषय बना हुआ है। कई क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है। यदि जल स्तर में जल्द सुधार नहीं हुआ तो शहर में जल वितरण प्रणाली पर और अधिक दबाव बढ़ सकता है। इससे जल संकट की समस्या बढ़ती जा सकती है।

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इन दिनों शहर के दमुवांढूगा, कुसुमखेड़ा, गौलापार, बनभूलपुरा, नवाबी रोड, राजपुरा, विकास नगर, बैंक कॉलोनी, नवाबी रोड, अमरावती कॉलोनी, मानस बिहार आनंद बिहार और नारायण नगर इन  प्रमुख क्षेत्र में पानी की समस्या सबसे ज्यादा बनी रहती है। जल संस्थान के 19 टैंकर इन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करते है, गर्मी के चरम पर पहुंचने पर इन क्षेत्रों में अगर उचित व्यवस्था विभाग ने नहीं की तो यहां और अधिक पानी की समस्या आ सकती है। एक टैंकर दिनभर में औसतन 4-5 चक्कर लगाता है। ऐसे में शहर में पानी की आपूर्ति कराने के लिए विभाग के लिए चुनौती बन रहा है।

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चार दिन से गौला का जलस्तर 106 क्यूसेक पर स्थिर
हल्द्वानी। गर्मी बढ़ने के साथ ही कम हुआ गौला का जलस्तर रविवार को 106 क्यूसेक पर स्थिर रहा। जलस्तर गिरने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। सिंचाई विभाग के गौला प्रभारी सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि रोजाना 30 क्यूसेक पानी पेयजल के लिए जल संस्थान के शीशमहल स्थित ट्रीटमेंट प्लांट को दिया जाता है। शेष पानी नहरों में रोस्टर के हिसाब से छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पानी कम होने से नहरें रोस्टर से चलाई जा रही हैं। यहां गौलापार, देवलचौड़, कठघरिया और लालकुआं प्रमुख नहरें हैं। इनमें से प्रत्येक नहर को चौथे दिन पानी मिल पा रहा है।